कृषि विभाग के समीक्षा के क्रम में सीमावर्ती प्रखंडों में हो रही उर्वरक की कालाबाजारी को लेकर छापेमारी करने का निर्देश सभी एसडीओ व कृषि पदाधिकारी को दिया गया. वहीं जिले में अवैध खनन को लेकर डीएम ने समीक्षा करते हुए सख्त निर्देश दिया कि अवैध खनन पर विशेष नजर रखी जाए. इससे राजस्व की क्षति के साथ पर्यावरण पर भी असर पड़ता है. उन्होंने सभी एसडीओ को संबंधित क्षेत्र में छापेमारी कर अवैध खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया. स्वच्छता को लेकर अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के निर्माण के लिए लंबित भूमि की उपलब्धता को लेकर सभी सीओ से समीक्षा करते हुए भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
—समयबद्ध तरीके से योजनाओं को कराये पूर्णसभी प्रखंडों के नोडल अधिकारियो को निर्देश दिया गया कि प्रखंड निरीक्षण के दौरान पंचायत स्तर पर नल जल, सोलर स्ट्रीट लाइट, आवास, मनरेगा, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना एवं पंचायत स्तर की योजनाओं की जांच करना सुनिश्चित करें. डीएम ने सभी अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया. इस मौके पर डीडीसी मनन राम, अपर समाहर्ता संदीप कुमार, अपर समाहर्ता विभागीय जांच कुमार धनंजय व अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन बृज किशोर पांडे समेत अन्य अधिकारी शामिल थे.
—स्पीडी ट्रायल व सामान्य वाद के मामले में तेजी लाने का निर्देश
डुमरा. डीएम रिची पांडेय की अध्यक्षता में समाहरणालय में सोमवार को जिला अभियोजन समिति की बैठक आयोजित की गयी. जिसमे एसपी अमित रंजन समेत प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा, लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक व अन्य पुलिस अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान डीएम ने सभी अभियोजन अधिकारियों व पुलिस अधिकारियो को निर्देश दिया कि आपसी सामंजस्य बनाकर कार्य करें. साथ ही स्पीडी ट्रायल व सामान्य वाद से संबंधित मामले की समीक्षा करते हुए डीएम ने लंबित वादों के निष्पादन की धीमी गति पर नाराजगी प्रकट किया. निर्देश दिया कि सभी विधि पदाधिकारी स्पीडी ट्रायल से संबंधित सभी मामलों का निष्पादन यथा शीघ्र करना सुनिश्चित करें. साथ ही सामान्य मामलो के निष्पादन में भी प्रगति लाए. प्रत्येक वाद में राज्य का पक्ष दृढ़तापूर्वक रखा जाये, जिससे कि विभिन्न वादों में अधिकाधिक दोष सिद्धि कराया जा सके. दोष सिद्ध के मामले की संख्या कम होने पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि अधिकाधिक दोष सिद्ध करवा जाए. उन्होंने सभी अभियोजन पदाधिकारियों को अपने कार्यों में पर्याप्त सुधार लाने के निर्देश दिया. जिला लोक अभियोजन पदाधिकारी एवं अपर लोक अभियोजकों को निर्देशित किया गया कि सभी थानाध्यक्षों के साथ अभियोजन की मासिक बैठक कर समीक्षा करें, ताकि उनके द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत केस डायरी एवं चार्ज शीट की गुणवत्ता में सुधार हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है