सीतामढ़ी. जिले में सरकारी स्तर पर गेहूं खरीद का हाल काफी बुरा रहा है. प्रशासन के काफी मशक्कत के बावजूद किसान पैक्स व व्यापार मंडल पर गेहूं की बिक्री के लिए नहीं पहुंचे और खरीद के लक्ष्य से जिला काफी पीछे रह गया. लक्ष्य हासिल करने के लिए न जाने कितनी बैठकें/तैयारियां की गई थीं, जो कागज पर सिमट कर रह गई. दरअसल, किसानों को पैक्स से अधिक बाजार में गेहूं का कीमत मिल रहा था. इस लिहाज किसानों ने बाजार में ही गेहूं बेच लिया. पैक्स अध्यक्ष खरीद की तैयारी के साथ किसानों के आने का इंतजार करते रह गए. — 44 किसान बेचे 118 एमटी गेहूं रिपोर्ट के अनुसार, मात्र 44 किसान सरकारी स्तर पर 118 एमटी गेहूं बेच सके है. छह प्रखंडों में एक-एक एवं सात प्रखंडों में मात्र दो-दो किसान गेहूं बेचने पैक्स पर पहुंचे थे. बाजार में गेहूं का मूल्य अधिक होने से हाल यह रहा कि करीब 172 पैक्सों में गेहूं की खरीद-बिक्री का खाता तक नहीं खुल सका. गौरतलब है कि 15 जून तक गेहूं खरीद की अंतिम तिथि निर्धारित थी. एक अधिकारी ने बताया कि खुले बाजार में गेहूं की कीमत अधिक होने से किसान पैक्स पर नहीं पहुंचे और सरकारी स्तर पर खरीद प्रभावित हुआ है. –रून्नीसैदपुर में 10 किसान गेहूं बेचे खरीद में 198 पैक्स व आठ व्यापार मंडल लगे हुए थे. रिपोर्ट के अनुसार, रून्नीसैदपुर प्रखंड के सबसे अधिक 10 किसान गेहूं बेचे है. वहीं, बाजपट्टी प्रखंड में छह, सुरसंड में पांच, बथनाहा में तीन, बैरगनिया, बोखड़ा, चोरौत, परिहार, पुपरी, रीगा व सोनबरसा प्रखंड में दो-दो, जबकि बेलसंड, डुमरा, मेजरगंज, नानपुर, परसौनी, सुप्पी प्रखंड के मात्र एक-एक किसान गेहूं की बिक्री किए है.
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