पीएम किसान सम्मान निधि योजना में जिले के 36 हजार 48 लाभुकों के बैंक खातों में 20वां किस्त किया हस्तांतरण
शिवहर . जिला कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में शनिवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जिले के 36 हजार 48 लाभुकों को 20वीं किस्त का किसानों के बैंक खातों में सीधा हस्तांतरण का लाइव प्रसारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.जिसमें वाराणसी, उत्तर प्रदेश से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से देश भर के करोड़ों किसानों से संवाद किया और इस महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता कार्यक्रम की जानकारी साझा की.जहां लगभग 150 किसान भाई एवं बहनों ने उपस्थित होकर इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने.इस अवसर पर केवीके शिवहर द्वारा किसानों को निःशुल्क आम एवं सहजन के पौधों का वितरण भी किया गया.किसानों ने पौधों को प्राप्त कर खुशी जताई और भविष्य में इसे अपनाने का संकल्प लिया गया.कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया कि 20वीं किस्त के अंतर्गत देश के 9 करोड़ 10 लाख से अधिक किसानों को कुल 20,500 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में सीधे हस्तांतरित की गई है.कहा कि यह सरकार की प्रतिबद्धता है कि हर किसान तक समय पर सहायता पहुंचे और देश का अन्नदाता आर्थिक रूप से सशक्त हो.पीएम मोदी ने अपने भाषण में सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे पीएम- एफएमबीवाई, पीएम- कुसुम, ई-एनएएम और प्राकृतिक कृषि अभियान की भी जानकारी दी.साथ ही उन्होंने किसानों को तकनीक अपनाने, फसल विविधिकरण और जल संरक्षण जैसे विषयों पर जागरूक किया.वही कार्यक्रम के पश्चात जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ.सौरभ शंकर पटेल ने किसानों को धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों जैसे ब्लास्ट, शीथ ब्लाइट, ब्राउन स्पॉट आदि की पहचान, कारण और उनके प्रबंधन तकनीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.उन्होंने बताया कि समय पर निगरानी एवं वैज्ञानिक तरीकों से उपचार करने पर फसल की उपज में वृद्धि की जा सकती है.साथ ही नुकसान को रोका जा सकता है.इसके उपरांत उद्यान वैज्ञानिक डॉ. संचित घोष ने किसानों को नवीन फलदार बागवानी के महत्व और मानसून काल में पौधरोपण के लाभों के बारे में बताया और उन्होंने किसानों को कहा कि इस मौसम में आम, सहजन, अमरूद, नींबू जैसे पौधों का रोपण करना अत्यंत उपयुक्त होता है.क्योंकि वर्षा ऋतु में पौधों को पर्याप्त नमी मिलती है.जिससे उनकी जड़ स्थापना एवं वृद्धि तेज होती है.उन्होंने किसानों को प्रेरित किया कि वे अपने खेतों के किनारे, मेड़ या खाली भूमि में फलदार पौधे लगाकर बागवानी से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.मौके पर जिला कृषि विज्ञान केंद्र के विनीत कुमार, कमलेश कुमार, रोहित रौशन, रवि रंजन कुमार समेत कई किसान मौजूद थे.
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