सीतामढ़ी. मां जानकी की जन्मभूमि पुनौरा धाम के विकास व अन्य कार्यों के लिए गठित न्यास समिति को भंग कर दिया गया है. उक्त आशय का आदेश बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद, पटना द्वारा जारी किया गया है. नए सिरे से न्यास समिति के गठन तक डीएम को मंदिर के विकास समेत अन्य कार्यों के लिए जिम्मा दिया गया है. गौरतलब है कि मंदिर परिसंपत्तियों की सुरक्षा, संरक्षण, सुचारू प्रबंधन व विकास कार्यों के लिए परिषद द्वारा चार मार्च 24 को न्यास समिति का गठन किया गया था.
पुनौरा न्यास समिति भंग के आदेश का पत्र परिषद के प्रशासक अंजनी कुमार सिंह द्वारा जारी किया गया है. उन्होंने कहा है, बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास (संशोधन) अध्यादेश- 2025 और बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम, 150 का संशोधन करने के लिए 23 मई को अध्यादेश जारी किया गया. उक्त अध्यादेश के आलोक में न्यास समिति भंग हो गई है. नए न्यास समिति के गठन तक डीएम को अधिकृत किया गया है.
–पुनौरा धाम का कम विकास : अध्यादेश
गौरतलब है कि 23 मई को जारी अध्यादेश में कहा गया है कि देवी सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम का विशेष धार्मिक और पर्यटन महत्व है. हिंदू धर्मावलंबी भगवान राम व देवी सीता की पूजा करते हैं. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का विकास किया गया है और यह श्रद्धालुओं के लिए बहुत आकर्षण का केंद्र बन गया है. अयोध्या और पुनौरा धाम के बीच सीधा संपर्क है. व्यापक जनहित में श्रद्धालुओं की भावना और पर्यटन के व्यापक विकास की संभावना को ध्यान में रख पुनौरा धाम को रामायण सर्किट के रूप में विकसित करना समीचीन है, ताकि अयोध्या से सीधा संपर्क हो सके. अब तक पुनौरा धाम का बहुत कम विकास हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है