सीतामढ़ी. जिला मुख्यालय से सटे हरि छपरा स्थित श्री सीताराम नाम सुखधाम आश्रम में अनंत श्री विभूषित परम वितरागी नाम अनुरागी सदगुरु श्री जानकी शरण मधुकर जी महाराज जू के 63वें सिया पिया मिलन महोत्सव के अंतिम चरण में भव्य श्री सीताराम विवाह महोत्सव मनाया गया. इससे पूर्व लोक संस्कृति कार्यक्रम अनंत अंतरराष्ट्रीय मंडली द्वारा प्रस्तुत किया गया. वहीं, कथावाचक भक्तमाली पुनीत जी महाराज ने केवट प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का जो व्यक्तित्व हमारे सामने प्रस्तुत है, वह मानवता और प्रेम से ओत-प्रोत प्राप्त है. तुलसीदास के राम प्रेम के भूखे थे. उनकी प्रीतम छाया में मानव से लेकर पशु, पक्षी, कीट, पतंग, जड़, जंगल सबको जगह मिलती थी. श्री राम अपने साम्राज्य के कमजोर लोगों का साथ देने के लिये हर मूल्य चुकाने को तैयार रहते थे. उनके मित्रों में सुग्रीव, हनुमान, गिद्ध, जटायु, दलित स्त्री सबरी, सुमंत, केवट सब शामिल थे. श्री राम के वन गमन के समय जंगल के रास्ते में उन्हें सबसे पहले गंगा पार करना था. वहां उनकी भेंट भक्त केवट से होती है, जो किसी भी प्रकार से उनके चरण धो लेना चाहता था, ताकि उसका इहलोक और परलोक दोनों सुधर जाये. वर्ग, वर्ण और संप्रदाय को मिटाकर सिर्फ मानव और जीव मात्र से प्रेम करता है, असल में वही भक्त है. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पांच रामनामी संत पधारे हुए हैं. वहीं, पटना श्री हनुमान मंदिर के प्रधान पुजारी एवं महंत पधारे हैं. महायज्ञ के विश्राम के शुभ अवसर पर विशाल भंडारे में सैकड़ों संत-महंतों को फूलमाला व अंगवस्त्र भेंटकर विदायी दी गयी.
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