सीतामढ़ी. पुनौरा धाम जानकी जन्मभूमि मंदिर न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष सह मंदिर के महंत कौशल किशोर दास ने ढोलक की थाप और झांझ मंजीरों के बीच जब ””राम जी के भइले जमनवां हो रामा चइत महिनवां, जन्मे है श्री रघुरैया अवध में बाजे बधाइया”” गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं, रजत द्वार जानकी मंदिर में सुबह अभिषेक व श्रृंगार हुआ. भगवान श्रीराम का जब प्राकट्य का समय आया, तो शंख व घड़ी घंटाल की ध्वनि से मंदिर समेत पूरा क्षेत्र गूंज उठा. श्रीराम के जयकारों व आरती गान से भक्ति व उल्लास का वातावरण छाया रहा. जानकी मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा था. नगर के जानकी मंदिर में सोने के सिंहासन पर विराजित सैकड़ों वर्ष पुराने अष्ट धातु की एक ही काले पत्थर में श्रीराम, जानकी व लक्ष्मण के सोने के मुकुट को सजाया गया. दिव्य वस्त्रों व आभूषण पहनाया गया. पंडितों द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ पूजन और विशेष आरती की गयी. उक्त सभी कार्यक्रम मंदिर के महंत विनोद दास की अगुवायी में हुआ. पुनौरा धाम जानकी मंदिर में जानकी जन्म भूमि न्यास समिति के कोषाध्यक्ष महंत मनमोहन कौशिक, सदस्य रघुनाथ प्रसाद, श्रवण कुमार, राम शंकर शास्त्री, मंदिर के उत्तराधिकारी राम कुमार दास, हलेश्वर नाथ मंदिर के सुशील कुमार, न्यास के पूर्व कोषाध्यक्ष संजय गुप्ता व सीमा गुप्ता समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. वहीं, रामनवमी पर भवदेपुर राम जानकी मंदिर के महंत राम उदार दास, श्रीराम लला निवास के महंत अधिवक्ता मनमोहन कौशिक, बाजार समिति परिसर स्थित राम जानकी मंदिर के महंत राजनारायण दास व चकमहिला स्थित रामजानकी मंदिर के महंत राम कुमार दास के नेतृत्व में उक्त मंदिरों में भी भगवान रामलला का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
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