सीतामढ़ी. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हर माह आवंटित खाद्यान्न व राशि में से करीब 6000 क्विंटल चावल व करीब पांच करोड़ रूपये प्रतिमाह घोटाले के आरोपों की पुन: जांच का आदेश दिया गया है. इसके लिए डीएम रिची पांडेय ने पूर्व में एक सदस्यीय और अब तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है. जांच टीम के अध्यक्ष एडीएम, विभागीय जांच कुमार धनंजय है. पूर्व में एडीएम कुमार धनंजय को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. उन्होंने 10 मार्च 25 को डीएम को जांच रिपोर्ट सौंपी थी. जांच रिपोर्ट से कोई फलाफल स्पष्ट नहीं होने पर डीएम द्वारा नई टीम गठित की गई है, जिसमें वरीय कोषागार पदाधिकारी व जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी भी शामिल है.
एडीएम, विभागीय जांच ने पुनः उक्त आरोपों की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने जिले की सभी सीडीपीओ को मामले की जानकारी दी है. साथ ही बताया है कि इस प्रकरण की जांच कर उन्होंने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी, लेकिन उक्त रिपोर्ट से किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाने के कारण पुन: जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने सभी सीडीपीओ को जानकारी दी है कि अबतक की जांच में उपलब्ध कागजातों/साक्ष्यों के आधार पर किसी निर्णय पर पहुंचना संभव नहीं है. इस कारण जांच टीम ने सभी सीडीपीओ पुन: पक्ष व ठोस साक्ष्य हासिल करने का निर्णय लिया है.
— कागजात और जांच की तिथि निर्धारित
एडीएम ने सभी सीडीपीओ को प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र की सूची व संचालन स्थल, किराए पर संचालित केंद्रों के स्वामी का नाम, पता व किरायानामा के साथ ही खाद्यान्न पंजी/वितरण पंजी/नामांकन पंजी व उपस्थिति पंजी (जनवरी, 2023 से अबतक मूल एवं छायाप्रति के साथ) बुलाया है. जांच टीम ने बेलसंडबता दें कि बथनाहा प्रखंड के कमलदह गांव निवासी व सोशल वर्कर उमेश कुमार सिंह ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर कथित उक्त घोटाले की शिकायत डीएम से की थी. डीएम के आदेश पर एडीएम, विभागीय जांच ने डीएम को सौंपी जांच रिपोर्ट में इसे जटिल मामला बताया था और इसकी निष्पक्ष जांच राज्य निगरानी एवं सतर्कता विभाग से कराने की अनुशंसा की थी. उन्होंने आवेदक द्वारा उपलब्ध कराए गए कुछ वीडियो क्लिप व डिजिटल साक्ष्य की जांच आईटी विशेषज्ञ/फॉरेंसिंक विज्ञान के जानकार से कराने की अनुशंसा की थी.
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