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अंधविश्वासी विचार धारा के प्रबल विरोधी थे संत कबीर : डॉ विनोद

स्थानीय गोविंद फंदह गांव स्थित कबीर कुटीर आश्रम में संत कबीर दास की 617वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में कबीरपंथी समेत अन्य लोग शामिल हुए.

रीगा. स्थानीय गोविंद फंदह गांव स्थित कबीर कुटीर आश्रम में संत कबीर दास की 617वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में कबीरपंथी समेत अन्य लोग शामिल हुए. पूर्वी चंपारण से पहुंचे संत अवधेश दास ने लोगों को कबीर के विचार से परिचय कराते हुए कहा कि मानव कल्याण के लिए कबीर द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना अति आवश्यक है. वर्तमान में अध्यात्म और भौतिक जीवन दोनों अलग-थलग पर गया है, जिसके कारण मानव जीवन में तेजी से अशांति फैल रही है. उन्होंने अध्यात्म को जीवन से जोड़ कर चलने की आवश्यकता बताई. लेखक डॉ विनोद दास ने कहा कि कबीर दास अंधविश्वास जैसे विचारधारा के प्रबल विरोधी थे. उन्होंने अपनी लेखनी से समाज को नई दिशा दी. अब भी सद्गुरु कबीर के करोड़ों अनुयायी उनके बताए गए मार्ग पर चल कर विश्व में शांति स्थापित करना चाहते हैं. मौके पर सत्संग समारोह में रमाशंकर साहब, कमल साहब व केसर देव लाल साह ने अपना-अपना विचार व्यक्त किए.

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