सीतामढ़ी. इस बार के मानसून ने जिले के किसानों को पिछले वर्षों की तुलना में अबतक और निराश किया है. जून के तीसरे सप्ताह में जिले में मानसून का प्रवेश हो गया था, लेकिन जुलाई का पहला सप्ताह बीतने के बाद भी मानसून की बारिश बरसने का नाम नहीं ले रही है. ऊपर से तेज धूप और गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. सुबह-सुबह इतनी तेज धूप निकल रही है कि खेतों में काम करना तो दूर, लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. हालांकि, बीच-बीच में आसमान में आंशिक रूप से आना-जाना लगा रहता है और हल्की-हल्की पुरवा हवा चलने से चंद देर के लिए मामूली राहत मिल रही है, लेकिन झुलसाने वाली धूप का सितम सुबह से लेकर शाम तक जारी है. इस प्रचंड धूप और गर्मी के बीच बिजली का थोड़ी-थोड़ी देर पर आना-जाना लोगों को और परेशान कर रखा है. चार से पांच घंटे तक जिले की सड़कों, चौक-चौराहों और बाजार में सन्नाटा पसरा रहता है. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ राम ईश्वर प्रसाद से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल अगले दो-तीन दिन तक मौसम इसी प्रकार का रह सकता है. आने वाले दिनों में बारिश की संभावना दिख रही है, लेकिन अच्छी बारिश की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. मौसम के इस रुख को देखकर किसान निराश और चिंतित हैं. हालांकि, जिले के किसानों द्वारा अबतक 20-25% खेतों में धान की रोपनी करवायी गयी है, लेकिन किसान राम ईश्वर सिंह, बैजू प्रसाद, अमित कुमार व राम एकवाल महतो आदि ने बताया कि सुबह से सूरज ढ़लने के कुछ देर पूर्व तक इतनी तेज धूप निकल रही है कि खेतों को नम नहीं रहने देती है. कुछ साधन संपन्न किसानों के द्वारा ही पंपसेट के माध्यम से धान की रोपनी करवायी गयी है, लेकिन जिन खेतों में धान की रोपनी करवायी गयी है, उन खेतों में बीच-बीच में पानी चाहिए, नहीं तो मेहनत और लागत दोनों बेकार चला जाना तय है.
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