सीतामढ़ी. सदर अस्पताल के जीएनएम आशीष शर्मा के द्वारा आत्महत्या किए जाने की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है. हर कोई घटना के पीछे की सच्चाई को जानने के लिए आतुर है. इस बीच, जीएनएम शर्मा के शुभचिंतक सिकंदर पासवान व कुंदन कुमार समेत अन्य ने आईजी, डीआईजी व अन्य अधिकारियों को अलग-अलग आवेदन भेजकर शर्मा की मौत की जांच तुरंत पूरा कराने का आग्रह किया है. बता दें कि शर्मा ने 15 मई 25 को आत्महत्या कर ली थी. अगले दिन नगर थाना में प्राथमिकी कांड संख्या- 381/25 दर्ज की गई थी. — विभिन्न बिंदुओं पर दिलाया ध्यान
आवेदन में पासवान ने कहा है, शर्मा पलंग के उपर पंखा से गल्ले में दुपट्टा का फंदा लगाकर लटके हुए थे. पैर पलंग से सटा व निचे झुका हुआ था. पैर के पास पलंग पर एक स्टूल था. आत्महत्या होता, तो पैर पलंग से उपर रहता एवं स्टूल गिरा होता, पर ऐसा कुछ नहीं था, तो यह घटना आत्महत्या कैसे कहा जायेगा. प्राथमिकी में शर्मा कि पत्नी ने एक डॉक्टर पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. इसकी गहन जांच जरूरी है. उन्होंने पुलिस से यह जानना चाहा है कि शर्मा की पोस्टमार्टम/बिसरा रिर्पोट से आत्महत्या का क्या कारण सामने आया ? कहा है कि अस्पताल के लेखापाल राघवेंद्र झा से सुना गया था, घटना के दो घंटा पूर्व जीएनएम भगवान सहाय प्रजापति द्वारा कहा गया था कि “शर्मा आज आत्महत्या कर लेगा “. घटना से पूर्व प्रजापति को आत्महत्या करने की खबर कैसे मिली, के भी जांच जरूरी है. घटना से पूर्व शर्मा द्वारा अस्पताल में हाजिरी बनाया गया था. इस दौरान किसी कर्मी से कोई बात तो नहीं हुई थी, की जांच सीसीटीवी के फुटेज से जरूरी है. पासवान ने कहा है कि शर्मा 23 अप्रैल से एक मई 25 तक अवकाश के लिए उपाधीक्षक को आवेदन दिए थे, जिसे स्वीकृत कर लिया गया था. वे तीन मई को अवकाश से लौटे थे. ऐसे में अवकाश नहीं मिलने के कारण आत्महत्या करने का मामला सत्य प्रतीत नहीं होता है.
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