सीतामढ़ी. जिले में करीब 350 सरकारी नलकूप है, जिसमें से शायद ही 50 फीसदी भी चालू हो. पुराने नलकूपों को पुनर्जीवित करने के प्रति राज्य सरकार भी गंभीर नहीं है. संभवतः यही कारण है कि विभाग अब सीएम निजी नलकूप योजना लागू की है. जिले में 35000 किसानों को निजी नलकूप योजना का लाभ देने का लक्ष्य है. बाजपट्टी विधायक मुकेश कुमार यादव के विधान सभा में नलकूप का सवाल उठाया है, जिसके आलोक में विभाग द्वारा जवाब दिया गया है. — नलकूप चालू होना संभव नहीं !
— विभागीय मंत्री का जवाब
विभागीय मंत्री ने विधायक को लिखित तौर बताया है कि उक्त नलकूप का बोर फेल होने एवं नाला ध्वस्त हो जाने के कारण इसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है, जिस कारण इसे परित्यक्त घोषित कर दिया गया है.बिहार के प्रगतिशील किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु अनुदान आधारित मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना अंतर्गत निजी नलकूपों के अधिष्ठापन के लिए आठ दिसंबर 23 से 31 जनवरी 2025 तक किसानों से आवेदन प्राप्त किए गये. उक्त योजना अंतर्गत कुल- 35000 निजी नलकूपों के अधिष्ठापन का लक्ष्य है. किसानों के द्वारा उक्त महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लिया जा रहा है.
गौरतलब है कि सामान्य वर्ग के किसान को बोरिंग प्रति मीटर 600 रूपये (अधिकतम 70 मीटर), पिछड़ा वर्ग को 840 व अनुसूचित जाति के किसान को 960 रूपये की दर से अनुदान देय है. वहीं, दो एचपी मोटर पंप के लिए क्रमश: 10000, 14000 व 16000 हजार, तीन एचपी के लिए 12500, 17500 व 20000 हजार एवं पांच एचपी के लिए 15000, 21000 व 24000 हजार अनुदान मिलेंगे.
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