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संविधान से चलेगा बोर्ड, पार्षदों की मनमर्जी नहीं चलेगी : महापौर

मंगलवार को कुछ वार्ड पार्षदों द्वारा हंगामे के कारण स्थगित हुई नगर निगम के सामान्य बोर्ड की बैठक को लेकर महापौर रौनक जहां परवेज ने बुधवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नगर निगम संविधान से चलेगा.

सीतामढ़ी. मंगलवार को कुछ वार्ड पार्षदों द्वारा हंगामे के कारण स्थगित हुई नगर निगम के सामान्य बोर्ड की बैठक को लेकर महापौर रौनक जहां परवेज ने बुधवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नगर निगम संविधान से चलेगा. पार्षदों की मनमर्जी नहीं चलेगी. उनके पति व जदयू नेता मो आरिफ हुसैन के सभाकक्ष में जरूरत पड़ने पर पास लेकर प्रवेश किये थे. उनके द्वारा पास निर्गत किया गया था. पास निर्गत करने का अधिकार महापौर को है. जबकि, बोर्ड की बैठक में कई महिला पार्षदों की जगह अवैध रूप से उनके पति शामिल होते हैं, वह भी बिना पास लिये. जबकि, महिला पार्षदों के पति बैठक में शामिल होना अवैध है. ऐसे पार्षद पतियों पर प्राथमिकी का भी प्रावधान है. हंगामा करने वालों में कई लोग महिला पार्षदों के पति थे. अहंकार में डूबे पार्षद पतियों द्वारा पास लेना भी जरूरी नहीं समझा गया. इनमें पार्षद पति मनीष पंडित, रंजय सर्राफ, सीताराम, प्रमोद कुमार व अन्य पार्षद पति शामिल हैं. सीसीटीवी कैमरे व बैठक की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी में इन सभी को देखा जा सकता है. अब ऐसा नहीं चलेगा. — निजी हित वाली योजनाओं पर पार्षद चाहते थे चर्चा

महापौर ने कहा कि हंगामा करने वाले पार्षद निजी हित को साधने वाली योजनाओं पर चर्चा चाहते थे. जबकि, उनके द्वारा चर्चा की सूची में सबसे उपर नगर निगम की जनता को पानी उपलब्ध कराने, स्ट्रीट लाइट, पार्क की जमीन पर मार्केट बनवाने, पूर्व की योजनाओं के क्रियान्वयन, पार्षदों के लिये लैपटॉप, सार्वजनिक शौचालयों के बंदोबस्ती आदि विषयों पर चर्चा करने की योजना बनायी गयी थी. हंगामा करने वाले पार्षद आंगनबाड़ी, विकास मित्र व सफाई एजेंसी के क्रियाकलाप पर चर्चा चाहते थे, ताकि इन संस्थाओं से फायदा उठाया जा सके. पिछली दो बैठकों में पारित योजनाओं का अबतक वर्क ऑर्डर भी नहीं निकला है, फिर नयी योजनाओं पर कैसे विचार हो सकता था.

(बॉकस में)

पार्षदों द्वारा करवाये गये विकास कार्य गुणवत्ता विहीन, अब निविदा द्वारा करवायेगा क्रियान्वयन

सीतामढ़ी. महापौर रौनक जहां परवेज ने बताया कि पार्षदों द्वारा करवाये गये पीसीसी सड़कें गुणवत्ता विहीन पाये गये हैं. पीसीसी को दो-तीन इंच ढ़ालकर व शिलापट्ट पर महापौर का नाम लिखवाकर राशि की निकासी कर ली गयी है. जबकि, आज तक एक भी योजना का उद्घाटन महापौर से नहीं करवाया गया है. अब ऐसा नहीं चलेगा. अब सभी योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा के जरिये करवाया जायेगा. वहीं, पार्षदों के द्वारा करवाये गये कार्यों की जांच करवायी जायेगी. नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि अब महापौर द्वारा उद्घाटन करवाने व उसकी तस्वीर फाइल में लगाने के बाद ही योजनाओं का भुगतान किया जायेगा. महापौर ने कहा कि महापौर को यह विशेषाधिकार संविधान ने दिया है कि यदि किसी पार्षद द्वारा 10 योजनायें दी जाती हैं, तो उनमें से दो-तीन योजनाओं को वे हटा सकती हैं.

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