पुपरी. विगत 29 मई से शुरू विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 का समापन गुरुवार को हो गया. उक्त 15 दिवसीय अभियान राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान के वैज्ञानिक दल, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक दल व कृषि विभाग सीतामढ़ी के पदाधिकारियों के संयुक्त प्रयास से सफल रहा. केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि इस अभियान में किसानों को सतत आमदनी एवं आमदनी को दुगुनी करने के विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी गई. कहा, विभिन्न जलवायु अनुकूल तकनीक जैसे जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, जलवायु अनुकूल प्रभेद, शून्य जुताई तकनीक, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन, मोटे अनाज की खेती व बेहतर फसल चक्र आदि तकनीकों के माध्यम से किसान लागत खर्च को कम करते हुए बेहतर उत्पादन कर सकते है. पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ किंकर कुमार ने बताया कि बेहतर कृषि के लिए पशुपालन की अहम भूमिका होती है, जिसके माध्यम से दूध उत्पादन के अलावा वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन कर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. वैज्ञानिक दल ने बताया कि जिले में मशरूम उत्पादन, मखाना एवं सिघाड़ा उत्पादन की अपार संभावना है, जिसके माध्यम से किसान प्रति वर्ष लाखों रुपये की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए सरकार की कई योजनाओं को भी लागू किया गया है. जिसमें अनुदान भी उपलब्ध हैं . किसान भाई इसका बेहतर लाभ ले सकते हैं. जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि जिले में गठित जीविका समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया गया है. जिसके माध्यम से जिले के किसान न्यूनतम दर पर ड्रोन के माध्यम से खड़ी फसलों पर कीटनाशक, फफूंदनाशक, विभिन्न उर्वरकों का प्रयोग कर कम पैसे में अधिकतम लाभ ले सकते हैं. इफको, सीतामढ़ी के प्रबंधक ने बताया कि इफको के द्वारा नैनो यूरिया, नैनो डी ए पी, नैनो पोटाश का निर्माण किया जा रहा है जो किसी भी खड़ी फसलों पर नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के आपूर्ति के लिए किया जाता है. इसका परिणाम काफी अच्छा दिख रहा है. किसान इसका उपयोग कर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं.
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