—एक हजार मार्क्स के आधार पर बनेगा रैंक
▪︎ सेवा स्तर प्रगति- इसका मूल्यांकन जिला स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट व ओडीएफ प्लस मॉडल सत्यापित गांव के डेस्कटॉप सत्यापन के आंकड़ों के आधार पर होगा.
▪︎ स्वच्छता अवसंरचना की कार्यक्षमता का प्रत्यक्ष निरीक्षण- इसका मूल्यांकन प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई, गोबरधन संयंत्र व मल कीचड़ प्रबंधन प्रणाली के आधार पर होगा.
▪︎ नागरिक फीडबैक- यह मूल्यांकन मोबाइल एप्प्लिकेशन व क्षेत्र सर्वेक्षण के दौरान लोगो से बातचीत के आधार पर होगा.
—क्या कहते हैं अधिकारीस्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 प्रारंभ होना हैं. स्वच्छता से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के इस सर्वेक्षण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता की स्थिति का आंकलन किया जायेगा. इसको लेकर सभी बीडीओ व प्रखंड समन्यवकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया हैं.
संदीप कुमार, डीडीसी
बॉक्स में —चार चरणों में जिले की 258 ग्राम पंचायतें बनी ओडीएफ प्लस डुमरा. सक्षम बिहार स्वावलम्बी बिहार के तहत सात निश्चय-2 में लक्षित स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ग्राम पंचायतो में शामिल गांव को ओडीएफ प्लस बनाया गया हैं. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण में ग्राम पंचायत द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए सुचना, शिक्षा व संचार के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन, नए परिवारों व छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता व चरणबद्ध तरीके से ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा जिले के सभी 258 ग्राम पंचायतो को वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 के बीच चार चरणों में ओडीएफ प्लस घोषित किया गया. बताया गया कि पंचायतों में इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए 70 फीसदी राशि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान तो 30 फीसदी राशि 15वीं वित्त आयोग के टाइड फंड से खर्च की गयी हैं.–ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत हुए कार्य
• अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण• प्रति घरों में दो डस्टबिन का वितरण
• सार्वजनिक स्थलों पर सामुदायिक डस्टबिन
• प्रत्येक वार्डों पर पैडल रिक्शा की उपलब्धता
• पंचायत स्तर पर एक ई-रिक्शा व फॉगिंग मशीन
• सफाई कार्य के लिए स्वच्छता कीट
• पंचायतों में सामुदायिक सोक पिट का निर्माण
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