रीगा. पुरानी धार नदी किनारे अवस्थित राजदेवी माई स्थान परिसर स्थित महादेव मंदिर में श्रावण मास के सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं. स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेजी हुकूमत काल में बांगुर ब्रदर्स द्वारा बिहार भ्रमण के बाद पुरानी धार नदी के किनारे शुगर मिल लगाने के लिए इसी स्थान का चयन किया गया था. माई स्थान के रमणीक सौंदर्य को देखकर वे लोग आकर्षित हुए और वर्ष 1932 में शुगर मिल का स्थापना किया. 1934 में भारी भूकंप के कारण चीनी मिल ध्वस्त हो गया. पुनः 1934 ईस्वी में चीनी मिल का स्थापना बांगुर ब्रदर्स द्वारा कराया गया. वर्ष 1950 में बांगुर ब्रदर्स ने इस चीनी मिल को ओमप्रकाश धानुका के पिता पुरुषोत्तम लाल धानुका के हाथ सौंप दिया. हालांकि यहां के चीनी मिल मालिक के सहयोग से जिले में कई भव्य मंदिर का निर्माण हुआ. परंतु माई स्थान का वही पुरानी मंदिर अब भी अपनी छोटी सी भवन में एक अलग सौंदर्य बिखेर रही है. दूर-दूर लोग यहां पहुंच कर मन्नत मांगते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. माई मंदिर के पुजारी दीपक झा ने कहा कि श्रावण माह के सोमवारी को शिव भक्तों की भारी भीड़ लगती है. यह राजदेवी माई स्थान प्रखंड ही नहीं जिले का एक ऐतिहासिक मनोकामना मंदिर है, जहां सिर्फ श्रद्धा की पूजा होती है. यहां पहुंचने वाले मनोवांछित वरदान पाते हैं.
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