सीवान. फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के नौतन सीएचसी परिसर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आकाश कुमार राय, जबकि दरौली सीएचसी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लालबाबू यादव के नेतृत्व में रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता निवारण किट का वितरण किया गया. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया से प्रभावित अंगों की साफ-सफाई के साथ नियमित देखभाल भी जरूरी है, ताकि फाइलेरिया के प्रभाव को आसानी से कम किया जा सके. जिन मरीजों के हाथ-पैर में सूजन आ जाता है या फिर उनके फाइलेरिया के हाथी पांव बीमारी से ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है. ऐसी स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके बीच एमएमडीपी किट प्रदान की जाती है, जिसमें टब, मग, बाल्टी, तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं. इसके लगातार इस्तेमाल करने से प्रभावित अंगों के सूजन में भी कमी आती है. लेकिन, मरीजों को साफ-सफाई के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करने की आवश्यकता होती है, तब जाकर सकारात्मक प्रभाव अनिवार्य रूप से देखने के लिए मिलने लगता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है