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बारिश से किसान खुश ,अबतक 75 फीसदी रोपनी

बारिश से धान की रोपनी में रफ्तार बढ़ी है. जून व जुलाई माह में औसत से कम बारिश होने के चलते धान की रोपनी का रफ्तार सुस्त पड़ गयी थी. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष खरीफ फसल के लिए 126850 हेक्टेयर निर्धारित था. जिसके विरुद्ध 97039 हेक्टेयर में खरीफ का आच्छादन हुआ है.

सीवान. बारिश से धान की रोपनी में रफ्तार बढ़ी है. जून व जुलाई माह में औसत से कम बारिश होने के चलते धान की रोपनी का रफ्तार सुस्त पड़ गयी थी. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष खरीफ फसल के लिए 126850 हेक्टेयर निर्धारित था. जिसके विरुद्ध 97039 हेक्टेयर में खरीफ का आच्छादन हुआ है. वहीं धान की खेती के लिए 102246 हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित है. अभी तक 77638 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है. यह कुल लक्ष्य का करीब 75 प्रतिशत है. लगातार हो रही वर्षा से धान की रोपनी को गति मिली है. जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि निर्धारित समय सीमा के भीतर लक्ष्य के अनुरूप धान की रोपनी पूरी कर ली जाएगी. धान के साथ-साथ किसान मोटे अनाज की खेती भी कर रहे हैं. लगातार हो रही बारिश के चलते खेतों में पर्याप्त नमी है, जिससे किसान काफी हद तक संतुष्ट है. वहीं कुछ किसान खेतों में अधिक जलजमाव के कारण थोड़ा परेशान भी है. कृषि विभाग की ओर से नियमित निगरानी की जा रही है और किसानों को तकनीकी सहायता भी दी जा रही है. रोपनी के लिए नहीं मिल रहे मजदूर लगातार बारिश से इन दिनों धान रोपनी में काफी तेजी आयी है. सुबह से शाम तक किसानों को खेतों में देखा जा रहा है. जितनी जल्दी रोपनी होगी, उत्पादन उतना अच्छा होगा. कम समय में तेजी से रोपनी किसानों के लिए मजदूरी की एक चुनौती है. किसान केदारनाथ गिरी कहते हैं धान की खेती में समय सबसे महत्वपूर्ण है. समय हाथ से निकल गया धान की फसल 120 से 140 दिनों की होती है.अगस्त में रोपनी पूरी करने से नवंबर- दिसंबर तक धान तैयार होगा. .किसानाें का कहना है कि उनको धान राेपनी के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. इस बार धान रोपनी की मजदूरी 250 से 300 रुपये दी जा रही है, फिर भी मजदूर नहीं मिल रहे. लक्ष्य से पिछड़ गयी थी खेती सावन माह के अंत में झमाझम बारिश होने के साथ सभी प्रखंडों में धान की रोपनी का कार्य में किसान व्यस्त हैं और सुबह से लेकर शाम तक धान की रोपनी में जुटे है. धान की रोपनी की रफ्तार तेज होने से यहां कृषि विभाग भी उत्साहित है. जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. आलोक कुमार का कहना है कि जून-जुलाई में बारिश के अभाव में जून में मात्र 10 फीसदी और जुलाई 56 प्रतिशत धान की रोपनी हो पाई थी.वही अगस्त में रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश के बाद रोपनी में तेजी आई है. अधिकतर प्रखंडों में लक्ष्य के अनुरूप धान की रोपनी हो रही है. किसान लगातार हो रही बारिश का पूरा लाभ उठाकर शेष बचे खेतों में भी रोपनी कार्य को पूरा करने में लगे हैं. उन्होंने बताया कि जिले में लक्ष्य का 75 प्रतिशत धान की रोपनी पूरा हो चुका है.अगस्त में जिले में लक्ष्य के अनुरूप धान की रोपनी पूरा हो जाएगा. .

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