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माले विधायक सत्यदेव राम और अमरजीत कुशवाहा समेत 10 आरोपी बरी, 11 साल बाद सिवान कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड में सुनाया फैसला

भाकपा माले के विधायक सत्यदेव राम व अमरजीत कुशवाहा को 11 साल पहले सीवान में हुए एक चर्चित हटीकाण्ड में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बरी कर दिया है.

सीवान जिले के बहुचर्चित चिल्हमरवा दोहरा हत्याकांड में शनिवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने 11 साल बाद फैसला सुनाया है. 2013 के इस केस में कोर्ट ने भाकपा माले के विधायक सत्यदेव राम व अमरजीत कुशवाहा समेत सभी दस आरोपियों को बरी कर दिया है. 11 साल पहले गुठनी थाना क्षेत्र के चिल्हामरवा गांव में जमीन विवाद को लेकर बमबाजी और गोलीबारी की घटना में दो लोगों की मौत हो गयी थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस मामले में नरेंद्र कुमार की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका. ऐसे में सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी किया जाता है.

बरी होने के बाद क्या बोले सत्यदेव राम

बरी होने के बाद दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि 2013 में हुई इस घटना में दबंग, राजनेता और आपराधिक छवि के लोगों ने मिलकर मुझपर, अमरजीत कुशवाहा और अन्य लोगों पर फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया. हम लोगों को 11 साल से परेशान किया जा रहा था. लेकिन मुझे हमेशा से न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा था और आज न्यायालय ने हमें न्याय दिया है. गरीब गुरबों के आवाज को दबाने के लिए ये साजिश रची गई थी.

दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम

20 मार्च को पूरी हो गई थी सुनवाई

बता दें कि इस मामले में 20 मार्च को कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए पहले से फैसले की तिथि आज तय की थी. इसको लेकर दोपहर बाद से ही नरेंद्र कुमार के एडीजे तीन सह एमपी-एमएलए कोर्ट में गहमागहमी बनी हुयी थी. अपराह्न 2.10 बजे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

क्या कहा कोर्ट ने

फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने कहा कि पीड़ित पक्ष घटना स्थल को लेकर कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका. साथ ही घटना में घायल बताये जा रहे घनश्याम मिश्र को गोली लगने की बात भी साक्ष्यों में साबित नहीं हो सकी. सभी गवाहों व साक्ष्यों की समीक्षा में घटना को लेकर आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत न मिलने के कारण विधायक सत्यदेव राम व अमरजीत कुशवाहा समेत सभी दस आरोपियों को बरी किया जाता है.

फैसले के दौरान ये रहे मौजूद

कोर्ट के फैसले के दौरान इस घटना के लोक अभियोजक हरेंद्र सिंह तथा अपर लोक अभियोजक रघुवर सिंह, वादी के अधिवक्ता राजेश सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनिल तिवारी मौजूद रहे.

क्या था मामल

मालूम हो कि 5 जुलाई 2013 को गुठनी थाना के चिल्हमरवा गांव में भूमि पर झोपड़ी डालकर कर कब्जा करने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था. इसी को लेकर गोलीबारी और बमबारी की घटना हुई थी. जिसमें सोहगरा निवासी मुकेश सिंह तथा बेलौर पंचायत के तत्कालीन मुखिया अमर सिंह के पुत्र राजू सिंह की गोली लगने से मौत हो गयी. जबकि घटना में चिल्हमरवा के घनश्याम मिश्र घायल हुए थे. इस मामले में दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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