प्रतिनिधि, सीवान. तीखी धूप व बढ़ते पारे से आषाढ़ में जेठ का अहसास हो रहा है. मॉनसून में देरी से किसान चिंतित हैं. जिले में हर वर्ष सामान्यत: 14 व 15 जून के आसपास मॉनसून की दस्तक हो जाती है. इस बार लग रहा है कि मॉनसून दगा देगा. इधर प्री मानसून की बारिश भी न के बराबर हुई है. बारिश नहीं होने से पारा सिर चढ़कर बोल रहा है. दिनभर तेज धूप रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है. खेत में नमी नहीं होने के कारण किसान धान का बिचड़ा गिराने से परहेज कर रहे हैं. जिले में खरीफ की बुआई नहीं होने से चिंता बढ़ने लगी है. तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने से दोपहर में गर्मी से लोग हलाकान हो रहे हैं. शनिवार को अधिकतम 43 डिग्री व न्यूनतम 32 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. पिछले साल से आषाढ़ माह में अच्छी वर्षा हुई थी. जबकि इस बार सूखे की आशंका लोगों को सता रही है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मॉनसून में देरी का प्रभाव जिले की कृषि अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. बढ़ी पेय पदार्थों की बिक्री- बढ़ती गर्मी के कारण बाजार में मौसमी फल, शीतल पेय, लस्सी, बेल का शर्बत, तारबूज, खीरा आदि की बिक्री काफी बढ़ गई है. लोग गर्मी से निजात पाने के लिए इसका खूब सेवन करने लगे हैं. हाल से वर्षों में अब शीतल पेय की जगह अब बेल के शरबत की बिक्री ज्यादा होने लगी है. तेज धूप व गर्म हवा से फसलों को पहुंच सकता है नुकसान- मौसम में हो रहे बदलाव से एक ओर जहां तेज धूप से गर्मी बढ़ने लगी है, वहीं खेती-किसानी पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने लगा है. तेज धूप से खेतों की नमी भी कम होने लगी है. इसे लेकर किसानों में चिंता बनी हुई है. किसान विजय यादव, अजय यादव, योगेन्द्र शर्मा, रामाशीष सिंह आदि ने बताया कि बताया कि यह समय खरीफ फसल लगाने का है. तेज धूप व गर्म हवा के चलते फसल की बुआई नहीं हो रही है. प्रीमानसून की वर्षा कम होने के चलते खेतों की जुताई प्रभावित हुई है. जो किसान हिम्मत करके धान के बिचड़े गिराये है, वे झुलस रहे है. भीषण गर्मी से बीमार होने लगे लोग भीषण गर्मी का सीधा असर लोगों के शरीर पर पड़ रहा है. गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. मौसम में बदलाव के साथ ही उल्टी-दस्त व पेट दर्द की बीमारी ने दस्तक दे दी है. गर्मी से उल्टी-दस्त, पेट दर्द के साथ ही डायरिया ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है. गर्मी के कारण बुखार, उल्टी दस्त, बुखार, पेट में दर्द, सांस की बीमारी आदि रोग बच्चों में हो रहे हैं. ज्यादातर बच्चे उल्टी दस्त के अलावा वायरल फीवर से भी परेशान हो रहे हैं. रोजाना 8-10 बच्चे सरकारी अस्पताल में गर्मी से होने वाली बीमारी से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार करा रहे हैं.
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