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जान जोखिम में डाल काम कर रहे बिजली कर्मी

.बिजली कंपनी में तैनात मानव बल मौत के साये में काम करने को मजबूर हैं. जिसका खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ता है. जिले में इनकी सुरक्षा भगवान भरोसे है. इनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार एजेंसी इन्हें कोई उपकरण नहीं दे रही है. जिसका खामियाजा इन कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है.कई मानव बल की मौत हो गई है, तो कुछ जीवन भर के लिए विकलांगता का कष्ट सहने के लिए विवश हैं.

प्रतिनिधि,सीवान.बिजली कंपनी में तैनात मानव बल मौत के साये में काम करने को मजबूर हैं. जिसका खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ता है. जिले में इनकी सुरक्षा भगवान भरोसे है. इनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार एजेंसी इन्हें कोई उपकरण नहीं दे रही है. जिसका खामियाजा इन कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है.कई मानव बल की मौत हो गई है, तो कुछ जीवन भर के लिए विकलांगता का कष्ट सहने के लिए विवश हैं. बिजली कंपनी में कार्य करने वाले आउटसोर्सिंग व मानव बल को सुरक्षा किट देने का प्रावधान है. सुरक्षा किट में दस्ताना, प्लायर, सुरक्षा बेल्ट,अर्थ चेन आदि शामिल है. ताकि पोल पर चढ़कर उन्हें लाइन ठीक करने में किसी प्रकार का जोखिम न हो. लेकिन इनको सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराया जाता है. जिले में लगभग 40 विद्युत सब स्टेशन हैं. जिनमें लगभग 385 मानव बल तैनात हैं. जिनके भरोसे शहर से लेकर गांव तक रोशन होते हैं. बिना सुरक्षा उपकरण पोलों पर फाल्ट ठीक कराने के लिए चढ़ा दिया जा रहा. ऐसे में यह कर्मचारी जान हथेली पर लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. कोई हादसा हो जाता है तो इनके परिवार के लोगों को कोई सरकारी मदद नहीं मिलती है. सुरक्षा उपकरणों के अभाव में आए दिन मानव बल किसी न किसी हादसे के शिकार हो रहे हैं. इनके लिए सुरक्षा किट समेत अन्य सुविधाएं दिए जाने का दावा महज कागजों तक ही सीमित है. रही बात अधिकारियों की तो वह सब जानते हुए भी इन कर्मचारियों की जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं. नियमानुसार मानव बल को इपीएफ, इएसआई की सुविधा मिलनी चाहिए. इससे हादसे होने पर उन्हें सरकारी मदद के साथ इलाज की सुविधा मिल सके. हादसा होने पर कर्मचारी चंदा एकत्रित कर आपस में मदद करते हैं. मानव बल झूलन यादव ने बताया कि ठेकेदार किसी प्रकार के सेफ्टी नहीं देते हैं. हमलोग जान जोखिम में डाल कर काम करते हैं. हो चुकी है दुर्घटना केस (1). मुफस्सिल थाना क्षेत्र के श्रीनगर डीएवी स्कूल के समीप 16 जुलाई 2024 को ट्रांसफॉर्मर का पर काम कर रहे मानव बल की करेंट के चपेट में आने से मौत हो गई थी. मृतक गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के सिरिसियां निवासी 45 वर्षीय धर्मेंद्र मिश्रा था. केस(2). लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र के मगही गांव में बिजली के पोल पर लाइन ठीक कर रहे मानव बल की नौ जुलाई 2024 को मौत हो गई. मानव बल मगही का जयराम प्रसाद था. केस (3). नगर थाना क्षेत्र के तेलहट्टा बाजार में ट्रांसफॉर्मर पर फ्यूज बांध रहे मानव बल 1 जून 2024 को करेंट की चपेट में आने से झुलस कर घायल हो गया था. घायल गोपालगंज जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के पश्चिम टोला निवासी मो. मुस्तफा है. केस (4). गोरेयाकोठी थाना क्षेत्र के मझवालिया में 15 जून 2025 को पोल पर फाल्ट ठीक कर रहे जामो थाना क्षेत्र के डुमरी निवासी अमरेश कुमार की मौत हो गई. बोले जिम्मेदार सभी कर्मियों को सुरक्षा यंत्र दिया जाता हैं. उन्हें यह भी निर्देश दिया जाता है कि बिना सुरक्षा के पोल पर फाल्ट ठीक करने नहीं चढ़ें. यशवंत कुमार, विद्युत कार्यपालक अभियंता, सीवान

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