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किसान घर पर बना कर सकते हैं बर्मी कंपोस्ट

. शुक्रवार को प्रखंड की चौकी हसन पंचायत के बगरा टोला गांव व दीन दयालपुर पंचायत के पंचायत सरकार भवन में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में खरीफ कृषि जन कल्याण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर एटीएम सतीश सिंह ने जैविक खेती अंतर्गत पक्का बर्मी बेड योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

प्रतिनिधि, बड़हरिया. शुक्रवार को प्रखंड की चौकी हसन पंचायत के बगरा टोला गांव व दीन दयालपुर पंचायत के पंचायत सरकार भवन में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में खरीफ कृषि जन कल्याण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर एटीएम सतीश सिंह ने जैविक खेती अंतर्गत पक्का बर्मी बेड योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने बताया गया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. ऑनलाइन आवेदन अभी हो रहा है. आवेदन होने के बाद कृषि समन्यवक के स्थल सत्यापन के बाद जिला कृषि कार्यालय सीवान से पक्का बर्मी बेड बनाने का परमिट दिया जाएगा. उसके बाद किसान को अपना पक्का बर्मी बेड बना सकते हैं. एक पीट (गढ्ढा) पक्का बर्मी बेड बनाने के लिए 10 फुट लम्बा, तीन फीट चौड़ा व ढाई फीट ऊंचा जमीन की सतह से गढ्ढा बनाना होगा. साथ में ऊपर से करकट से छाया करना होता है. अब इस गढ्ढे में किसान गोबर सहित घर का कूड़ा सहित अन्य अपशिष्ट पदार्थ उसमें डाल सकते हैं. गढ्ढा भरने के बाद उसमें केंचुआ डालकर ऊपर से पुआल से ढंक देना होता है. और सुबह शाम उसके ऊपर पानी का फुहारा देते रहना हैं. इतना करने के बाद किसान सभी खर्च का बिल वाउचर बना कर अपनी पंचायत के कृषि समन्यवक को देंगे व उनके द्वारा सत्यापन कर जिला कृषि कार्यालय में बिल वाउचर जमा किया जाएगा. उसके बाद आप के खाते में अनुदान के रूप में पांच हजार रुपए प्रति पीट (गढ्ढे) का मिलेगा. गढ्ढे में केंचुआ डालने के 45 दिनों बाद बर्मी कंपोस्ट बनकर तैयार हो जाता है. जिसकी पहचान बर्मी कंपोस्ट चाय की पत्ती की तरह दिखाता है. चाय की पत्ती की तैयार खाद को छाया जगह निकलकर ढेर बना लेते है व एक घंटा बाद ढेर में से जमीन से एक फुट छोड़कर ऊपर से सारा खाद निकालकर बोरा में भर लेंगे व नीचे का बचा केंचुआ व खाद दूसरे गढ्ढे में डाल देंगे .किसान को हमेशा कम से कम दो पक्का बर्मी बेड बनाना चाहिए. कार्यक्रम में खरीफ अनुदानित दर पर बीज जैसे धान,अरहर, संकर मक्का,सूर्यमुखी, के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई.कई किसानों का ऑनलाइन आवेदन भी किया गया. साथ में धान की सीधी बुआई,मोटे अनाज की खेती, फॉर्मर रजिस्ट्री, बिहार कृषि ऐप, उद्यान विभाग, आत्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. वहीं शुक्रवार को चौकी हसन पंचायत में कुल 25 किसानों को बिहार कृषि एप से जोड़ा गया. मौके पर कृषि समन्वयक राकेश कुमार सिंह, बृजेश कुमार, किसान सलाहकार बच्चा लाल प्रसाद ,रमेश कुमार गिरि, राजीव कुमार केशरी, संजय चौधरी आदि मौजूद थे.

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