प्रतिनिधि, सीवान. शुक्रवार का दिन इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा. चिलचिलाती धूप और उमस के कारण दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. अधिकतम तापमान 43 व न्यूनतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रहा. हालांकि शाम के समय लोगों को कुछ राहत मिली. तेज पुरवा हवा व बादल के चलते लोगों को कुछ परेशानी कम हुई. उमस भरी गर्मी के कारण लोगों के साथ ही जीव जंतुओं एवं पशु पक्षियों का जीवन भी प्रभावित हो गया है. अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में अंतर काफी कम हो गया है. जिसके कारण दिन एवं रात के तापमान में विशेष अंतर नहीं दिख रहा है. पिछले एक सप्ताह से जिले में गमी में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. इसके साथ ही दिन में उमस भरी गमों के कारण तापमान से अधिक गर्मी महसूस हो रही है. पंखा एवं कूलर का हथा भी राहत नहीं पहुंचा रहा है. दिन में दस बजे के बाद सड़कों पर आम लोगों के साथ ही वाहनों की काफी कमी दिखी. समय अंतराल पर ऑटो एवं इ-रिक्सा दिखे. सड़कें पूरी तरह से वीरान पूरे दिन बनी रहीं. भीषण गर्मी के कारण अस्पताल में बढ़ने लगे मरीज तापमान में वृद्धि होने से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है. गर्मी के कारण एक तरफ लोगों की परेशानी बढ़ी है. वहीं गर्मी के कारण बीमारियों में भी इजाफा हो गया है. भीषण गर्मी से बेहाल होकर लोग बुखार, सिरदर्द और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या सदर अस्पताल में अचानक बढ़ गयी है. मौसम के तापमान में लगातार इजाफा होने के कारण ज्यादातर लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो गया है. तेज धूप में निकलने के कारण पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत आम हो गयी है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से संक्रमित होने लगे है. जिसको लेकर सदर अस्पताल में रोगियों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है. प्रतिदिन सदर अस्पताल में जिले के सुदूर इलाकों से सात मरीज पहुंच रहे हैं. जिसमें ज्यादातर मौसमी बीमारियों से संबंधित है. तापमान के प्रभाव से बचने के लिए बरतें सावधानियां जिले में तापमान अपने सवाब पर है. तापमान पिछले तीन दिनों से 40 43 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. जनजीवन के साथ जीव जंतु एवं पक्षियों तक परेशान है. चिकित्सक डॉ. संजय गिरी ने बताया कि गर्मी व लू से बचने के लिए धूप मे नंगे पंच नहीं चलने, धूप में जाने से कुछ समय पहले ही एसी या कुलर वाले स्थान को छोड़ दें. गर्मी में अधिक पसीना निकलता है. जिसकी अनुपात बनाये रखने के लिए खूब पानी पिएं. प्रतिदिन कम से कम पाय से छह लीटर ती पानी अवश्य ही पीना चाहिए. धूप और गमों में बाहर से आकर तुरंत पानी पीने से बचें. गर्मियों में गाढ़े स्गीन मोटे कपड़ों की अपेक्षा हल्के और सफेद जैसे हल्के रंगों के कपड़ों को पहने. पाचन क्रिया बनाये रखने के लिए तेल मसाले वाले भोजन से बचे. गर्मी में मच्छरदानी का जरूर उपयोग करे.
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