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इजरायल ने गाजापट्टी में किया नरसंहार

भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के तत्वावधान में रविवार को इजरायल द्वारा गाजा पट्टी में नरसंहार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.जिसमें गाजा पट्टी में नरसंहार का आरोप लगाते हुए इजरायल की निंदा की गयी

प्रतिनिधि,सीवान.अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के तत्वावधान में रविवार को इजरायल द्वारा गाजा पट्टी में नरसंहार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.जिसमें गाजा पट्टी में नरसंहार का आरोप लगाते हुए इजरायल की निंदा की गयी.संगठन के जिला अध्यक्ष वरिष्ठ उस्ताद शायर कमर सीवानी की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिवक्ता मणीश प्रसाद सिंह के निवास स्थान पर कार्यक्रम के आरंभ में अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मृत यात्रियों एवं जेड ए इस्लामिया कालेज के प्राध्यापक डॉ तैयब हुसैन पीड़ित की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई कार्यक्रम में विषय प्रवेश करते हुए अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इजरायल अपनी स्थापना काल से ही युद्ध के द्वारा फिलिस्तीन भूभाग, यरुशलम, पश्चिमी बैंक, गाजा पट्टी आदि पर जबरन कब्जा बदस्तूर कायम कर रखा है और आज तक फिलीस्तीन को राज्य का दर्जा नहीं दिया है. इसमें उसका सबसे बड़ा सहयोगी अमेरिका एवं अन्य यूरोपीय देश हैं. शांति वार्ताओं एवं समझौतों का अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ है. इजरायल मानवता एवं मानवीय मूल्यों को ताक पर रख कर गाजा पट्टी में भीषण नरसंहार किया है. अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के महासचिव वरिष्ठ अधिवक्ता मणीश प्रसाद सिंह ने कहा कि नेतान्याहू और मोदी सरकार गठजोड़ फिलीस्तीनी मुक्ति संघर्ष की जगह यहूदी – मुस्लिम धार्मिक युद्ध के रूप में परिभाषित कर रही है जो आज के वैज्ञानिक एवं तकनीकी युग के बिल्कुल उलट है. जलेस के जिला सचिव मार्कंडेय ने कहा कि इजरायल का मानवीय मूल्यों से कोई लेना-देना नहीं है..परमा चौधरी ने पूंजीवाद को विश्व में तनाव का सबसे बड़ा कारण बताया. डॉ संदीप कुमार यादव ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संगठन को आगे बढ़ाने के लिये संघटनात्मक एकजुटता जरूरी बताया.अध्यक्षीय संबोधन में वरिष्ठ उस्ताद शायर कमर सीवानी ने कहा कि गाजा में जल्द से जल्द युद्ध विराम लागू हो और शांतिवार्ताओं का माहौल बने. उन्होंने कहा कि इन संवेदनशील विचारों को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना चाहिए.युगल किशोर दूबे ने कहा कि तत्कालीन मानवीय सहायता को बेरोकटोक गाजा पट्टी तक पहुंचने दिया जाय. डॉ जगन्नाथ प्रसाद ने कहा कि आज मानवाधिकार आयोग यूंएनओ जैसी संस्थाएं भी पूंजीपतियों के कब्जे में है जिनसे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती. अन्य वक्ताओं में आइसा के युवा नेता धर्मेंद्र कुमार, शशि कुमार, भोगेंद्र झा, मुरलीधर मिश्र, कन्हैया चौधरी, डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार मौजूद रहे.

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