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siwan news : अब 2006 व 2008 की रिक्ति पर अपीलीय प्राधिकार से बहाल शिक्षकों की नौकरी पर खतरा

siwan news : अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर बिना रिक्ति के ही शिक्षकों का किया गया था नियोजन, डीपीओ स्थापना ने बीइओ से मांगी सूची, शिक्षकों में डर का माहौल

सीवान. अपीलीय प्राधिकारी से बहाल 83 शिक्षकों की नौकरी जाने के बाद अब वर्ष 2006 व 2008 की रिक्ति पर अपीलीय प्राधिकार से बहाल शिक्षकों की नौकरी दाव पर लग गयी है.

इधर, डीपीओ स्थापना अवधेश कुमार ने उक्त रिक्ति पर अपीलीय प्राधिकार से बहाल शिक्षकों की सूची सभी बीइओ से मांगी है. विभाग का कहना है कि वर्ष 2006 की रिक्ति को 2008 में सामंजित कर दिया गया. वहीं 2008 के शिक्षक नियोजन की रिक्ति को 2012 में सामंजित कर दिया गया. तृतीय चरण का शिक्षक नियोजन 2014 में पूर्ण हो गया. इसके बावजूद भी अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर बिना रिक्ति के ही शिक्षकों का नियोजन किया गया, जो नियमों के उल्लंघन के साथ साथ वित्तीय अनियमितता का द्योतक है. डीपीओ स्थापना ने बताया कि बीइओ द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूची के आधार पर राज्य अपीलीय प्राधिकार में जल्द ही शिकायत दर्ज करायी जायेगी. शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. इन शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की आशंका है. यदि जांच में यह साबित हो जाता है कि इनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है, तो इन्हें भी नौकरी से निकाला जा सकता है.

अपीलीय प्राधिकार से बहाल 83 शिक्षकों की सेवा समाप्त

इधर पटना उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले में अपीलीय प्राधिकार से बहाल 83 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश संबंधित नियोजन इकाई को दिया है. बताते चलें कि अपीलीय प्राधिकार से बहाल जिले के लगभग ढाई सौ से अधिक शिक्षकों के विरुद्ध डीपीओ स्थापना राज्य अपीलीय प्राधिकार गये थे, जहां इन सभी शिक्षकों के विरुद्ध आदेश पारित हुआ था. पारित आदेश के विरोध में संबंधित सभी शिक्षक उच्च न्यायालय पटना में याचिका दायर किये थे. इसमें उन्हें अंतरिम स्थगन आदेश प्राप्त था. पटना उच्च न्यायालय द्वारा सीडब्ल्यूजेसी नंबर 6170/2022 कामिनी कुमारी बनाम राज्य सरकार व अन्य तथा संबद्ध वादों में पटना उच्च न्यायालय द्वारा बिना रिक्ति के बिना अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर नियुक्त शिक्षकों के संदर्भ में राज्य अपीलीय प्राधिकार द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखते हुए इन शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दी है. इसके बाद डीइओ ने जिले के 83 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है.

इन शिक्षकों की सेवा हुई समाप्त

सीडब्ल्यूजेसी नंबर 16170/2022 में पारित आदेश से पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई हबीबगंज हुसैनगंज के नप्रावि शहबाजपुर कोड़रा की अंचल कुमारी, उमवि सूर्यपूरा जीरादेई के जयराम रजक व उमवि हीर मकरियार के दिनेश कुमार राम शामिल है. पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई सराय पडौली भगवानपुर हाट नप्रावि मुसहर टोला की प्रियंका कुमारी, प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई भगवानपुर हाट के उमवि चौगेठिया के प्रेम प्रकाश दुबे के अलावा पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई राजापुर के नप्रा चोरौली की रमिता कुमारी, प्राथमिक विद्यालय सानि बगाही खेड़वा की भरोसा कुमारी, प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई पचरुखी के मवि तरवारा की शिक्षिका सीता देवी, उमवि बरियारपुर की संगीता कुमारी, उमवि सैदाबाद की रंजना कुमारी, उमवि भरतपुरा की नगमा शाहिन, उमवि श्रीकांत की परवीन जाफरी, उमवि तरवारा उर्दू की बाबुद्दीन अली, उमवि कैथी के गुलाम हुसैन, मवि पिपरा के जितेंद्र कुमार मांझी, उवि बगाही के मनीष कुमार व प्रावि दक्षिण टोला के पवन कुमार सिंह व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई बलहां एराजी के प्रावि मैरी मकसुसपुर की बबिता कुमारी शामिल हैं. वहीं, प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई गुठनी की कुमारी सुधा यादव, निर्मला तिवारी, खुशबु चतुर्वेदी, रागिनी कुमारी, प्रदीप कुमार कुशवाहा व रीता देवी शामिल हैं. इधर, प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई बसंतपुर के रजनीश भार्गव, मनोज कुमार यादव, फिरोज अहमद, अलका कुमारी, सीता कुमारी, जितेंद्र कुमार राय, ज्ञान कुमार सिंह, विमलेश कुमार सिंह, अजय कुमार, कृष्णा जी प्रसाद, अजमत परवीन, अभय कुमार, मणिप्रकाश दुबे व सुमित्रा कुमारी शामिल हैं. विद्यालय नुरुद्दीनपुर के प्रमोद पासवान, उमवि पिपरा के धर्मेंद्र कुमार भगत, उमवि गम्हरिया की सरिता सिंह, उमवि तरवारा की गुड़िया कुमारी, उमवि कल्याणपुर की संगीता कुमारी, उमवि महुआरी की बेबी कुमारी, मवि तरवारा की कुमारी मीरा, मवि गम्हरिया की नीतू कुमारी, उमवि तरवारा उर्द के खुर्शीद आलम व अजीमुल्लाह अंसारी, उमवि जसौली खुर्द की प्रियंका सिंह व दीपिका सिंह शामिल हैं.

इन शिक्षकों ने नहीं किया है योगदान

डीइओ राघवेंद्र प्रताप सिंह ने जिन 83 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया है, उसमें ऐसे बहुतेरे शिक्षक हैं, जिनका अभी तक योगदान नहीं हुआ है. परंतु वे भी कार्रवाई के दायरे में हैं. इन शिक्षकों में प्रखंड नियोजन इकाई गोरेयाकोठी के शिक्षकों में सरिता कुमारी, सरिता देवी, मनोज कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, अनुज सिंह, घनश्याम तिवारी, हरि मोहन तिवारी, मृत्युंजय कुमार पांडेय, अमरजीत कुमार, बिकेश कुमार, वीणा कुमारी, संजीव कुमार व माधुरी कुमारी शामिल हैं. वहीं, प्रखंड नियोजन इकाई लकड़ी नबीगंज के उमवि मदारपुर राजपूत टोला के अर्जुन कुमार, उमवि जलालपुर हिंदी के सतीश कुमार दुबे, उमवि वाजितपुर उर्दू की मुन्नी खातून, मवि सिकटिया की इशरत परवीन, उमवि वाजितपुर ऊर्द की कुमारी सीमा गुप्ता, उमवि ख्वासपुर हिंदी की वाजदा तब्बसुम व मो मोजीबुर्र रहमान, उमवि इंदौली के शिव कुमार राम, उमवि उज्जैना के गुलाब चंद राम, उमवि बसौली के दिनेश सिंह, उमवि बरवां डुमरी की नीतू कुमारी, मवि नंदपुर किशुनपुरा की कुमारी आरती कुशवाहा, उमवि उज्जैना के अजय कुमार गुप्ता, उमवि भादा ऊर्द की सावित्री कुमारी, मध्य विद्यालय किशुनपुरा की अनुपमा कुमारी, उमवि लकड़ी मकतब के मो रिजवान, मवि नंदपुर कन्या के शाहिद इकबाल, मवि गोपालपुर के अजय कुमार, उमवि लघुआ की सुबी कुमारी व मवि सिटिया की मुर्शीद आलम शामिल हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

2006 व 2008 की रिक्ति पर अपीलीय प्राधिकार से बहाल शिक्षकों के विरुद्ध विभाग ने राज्य अपीलीय प्राधिकार में जाने का निर्णय लिया है. दोनों वर्ष की रिक्ति का वर्ष 2012 में विलय होने के बाद विभागीय नियमों को ताक पर रखकर इनकी बहाली हुई है. ऐसे शिक्षकों की सूची सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से तलब की गयी है.

अवधेश कुमार, डीपीओ स्थापना

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