दरौंदा (सीवान). प्रखंड के चिंतामनपुर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में सात दिवसीय द्वितीय वार्षिकोत्सव पर आयोजित श्री हनुमत महायज्ञ का समापन सोमवार को भक्ति और श्रद्धा के वातावरण में हुआ. इस आयोजन में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भागीदारी देखने को मिली. यज्ञ के दौरान पूरे गांव का वातावरण जय श्रीराम, जय हनुमान और जय माता दी के जयकारों से भक्तिमय हो गया. इस महायज्ञ के अंतिम दिन पूजा, परिक्रमा और प्रवचन का आयोजन हुआ. अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगी. कथावाचक साधना जी महाराज ने सुंदरकांड के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए भावपूर्ण प्रवचन दिया. उन्होंने कहा कि एक माता ही अपने पुत्र को चरित्रवान और वीर बना सकती है. उदाहरण स्वरूप उन्होंने बताया कि किस प्रकार माता अंजनी की प्रेरणा से हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम की सेवा में स्वयं को समर्पित कर दिया और उनका जीवन धन्य हो गया. माताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देकर समाज के लिए योग्य नागरिक बनाएं. उनके प्रवचन से उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर आस्था व्यक्त की. इस दौरान पूरा माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया. यज्ञ की विधिवत पूजा व अनुष्ठान आचार्य अमित मिश्रा जी महाराज के मार्गदर्शन में संपन्न हो रहे थे. उनके नेतृत्व में 11 आचार्यों की टीम ने पूजा, हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न किया. वहीं आचार्य आशीष गिरि ने बताया कि यज्ञ से न केवल वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि यह समाज में धार्मिक और नैतिक मूल्यों को भी मजबूती प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए ताकि समाज में आध्यात्मिक चेतना बनी रहे. यज्ञ समिति के सदस्यों की ओर से इस भव्य आयोजन में भाग लेने वाले विशेष अतिथियों का सम्मान भी किया गया. इसमें राजद नेता मुन्ना शाही, जिला पार्षद धर्मेंद्र कुमार यादव, पत्रकार ब्रजेश कुमार, जीतेंद्र सिंह, अशोक सिंह और रामाश्रय कुमार को सम्मानित किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है