प्रतिनिधि, सीवान. सोमवार से रुक -रुक कर हो रही बारिश व पुरवा हवा से तापमान में गिरावट आ गई है. अधिकतम तापमान में आठ डिग्री सेल्सियस की कमी हुई है. वहीं न्यूनतम तापमान भी दो डिग्री सेल्सियस कम हुआ है. तापमान में गिरावट के बाद भी लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत नही मिली. मंगलवार को अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.वही 13 किमी/घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चली. लेकिन 65 फीसदी आर्द्रता के कारण लोगों को उमस ने परेशान किया. उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया. शरीर चिपचिपाता रहा और बदन पर कपड़े पसीने से गीले होते रहे. बादलों से घिरे मौसम के चलते बढ़ी उमस से घरों में लगे पंखों की हवा भी राहत नहीं दे पा रही है. दिनभर बादलों और सूरज के बीच आंख मिचौनी चलती रही. ऐसे में सूरज की तपिश काफी कम रही. शाम ढलने के बाद भी उमस में कोई कमी नहीं थी. गर्मी व उमस का असर बढ़ने से महिलाओं को भी घरेलू कामकाज निबटाने में परेशानी हो रही है. दोपहर के समय बाजारों में खरीदारों की संख्या कम हो गयी है. शाम में ही अधिकतर बाजारों में लोग खरीदारी के लिए पहुंच रहे है. मूसलाधार बारिश होने का बन रहा आसार मौसम विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार गिरी ने बताया कि एक सप्ताह तक मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना बन रही है.जिससे धूप व गर्म हवा से राहत मिल सकती है. फिलहाल उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नही है. रफ्तार से चल रही पुरवा हवा बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के प्रभाव को जिले तक ला रही है. इस साल साइक्लोनिक सर्कुलेशन शिफ्ट होने के चलते मौसम का मिजाज बदल गया है. बंगाल की खाड़ी में नया साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है. जिसका असर देखने को मिलेगा. मानसून के सक्रिय होने की परिस्थितियां अनुकूल है. मॉनसून सक्रिय होने के कारण मेघ गर्जन एवं वज्रपात के साथ भारी बारिश हो सकती है. इससे तापमान गिरकर 32 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. एलर्जी व चर्म रोग से पीड़ित हो रहे लोग उमस और गर्मी क चलते इन दिनों एलर्जी व त्वचा रोग संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि घमोरिया, फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन के मरीज ज्यादा आ रहे है. पिछले दो दिनों से मौसम में लगातार उमस बनी हुई है. साथ ही धूप भी तेज है. ऐसे मौसम में चर्म रोग अधिक होता है.खुजली, दाद के साथ आंखों में जलन और कान में फुंसी आदि निकलने लगी है. धूप और उमस से एलर्जी और शरीर के खुले हिस्से पर चकत्ते बन रहे है. शरीर में दाने की शिकायत भी मिल रही है.
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