प्रतिनिधि, सीवान. जिले में भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार जारी है. दिन -प्रतिदिन गर्मी का तेवर बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार का तापमान गुरुवार से एक डिग्री सेल्सियस बढ़ गया. जिससे गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया. जिले में हीटवेब जैसी स्थिति बनी हुई है. सुबह निकली धूप और उमस के कारण लोग पसीने से तरबतर होते रहे. गर्म हवा के झोंके लोगों के बदन को झुलसाती रही. बदन झुलसा देने वाली गर्मी के चलते दोपहर के वक्त लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया. दोपहर के वक्त लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे. वहीं सड़कों पर विरानी छायी रही. ऐसे तो गर्मी से हर लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. गर्मी के तेवर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. तेज धूप के साथ शुक्रवार को अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई. हालांकि लोगों को 42 डिग्री सेल्सियस तापमान का एहसास होते रहा. दिनभर भीषण गर्मी के कारण लोग अपने अपने घरों में दुबके रहे. बेहद जरूरी काम से ही लोग घरों से बाहर निकल रहे थे. भीषण गर्मी के चलते खासकर दोपहर के वक्त सड़के सुनसान रही. सुबह करीब नौ बजे से लेकर शाम के पांच बजे तक बदन झुलसा देने वाली गर्मी का कहर जारी रहा. खीरा, जूस और लस्सी से लोग ले रहे राहत : गर्मी के कारण लोग प्यास बुझाने के लिए ईख का जूस और लस्सी का सेवन करते है . लोग खीरा, तरबूज, खरबूज खाकर प्यास को बुझाने का कार्य कर रहे हैं. गर्मी और लू के कारण सुबह 10 बजे के बाद से शाम पांच बजे तक बाजार खाली रहता है. कुछ लोग आवश्यक काम से घर से निकलते हैं तो छाता या गमछा से अपने सिर को ढक कर निकलते हैं. पानी के जार की मांग बढ़ी, आपूर्ति नहीं हो पा रही पूरी बढ़ती गर्मी एवं तेज धूप के बीच शहर में बोतल बंद पानी जार की खपत बढ़ गई है. शहर के अधिकतर दुकान, सरकारी दफ्तर, निजी संस्थान, लॉज, हॉस्टल सहित कई घरों में पानी जार का खपत बढ़ने के कारण वेंडर आपूर्ति करने में हांफने लगे है. गर्मी व दूसरी तरफ लगन की वजह से ज्यादा परेशानी बढ़ गयी है. दुकानों पर पानी की खपत इस कदर बढ़ गयी है कि आपूर्ति नहीं होने एवं कम होने के कारण दिन में कई दुकानों पर अलग अलग समय में तीन से चार बार तक पानी डिलेवरी करनी पड़ती है. शादियों में कई बार आवश्यकता के अनुसार पानी नहीं मिल पाने के कारण भी देर रात तक डिलेवरी का सिलसिला चलता रहता है. शहर में एक प्लांट संचालक अजय ने बताया कि सामान्यतया 250- 300 जार पानी की आपूर्ति वे रोजाना करते थे. गर्मी व लगन की वजह से अभी डिमांड 500 जार प्रतिदिन तक पहुंच गया है.
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