सीवान. ””मेक इन इंडिया”” की उड़ान अब अफ्रीकी देशों तक पहुंचने लगी है. सारण जिले के मढ़ौरा में स्थित अत्याधुनिक डीजल रेल इंजन फैक्ट्री से शुक्रवार को 4500 हॉर्सपावर वाला एक विशेष रंग का रेल इंजन अफ्रीकी देश गिनी को निर्यात किया जायेगा. यह कोई सामान्य रेल इंजन नहीं, बल्कि भारत-अफ्रीका के औद्योगिक संबंधों का प्रतीक होगा, जिसका रंग भी खास तौर पर गिनी की सांस्कृतिक भावनाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इस रेल इंजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर गिनी के लिए जसौली से रवाना करेंगे. आमतौर पर भारत में रेल इंजनों का रंग लाल और पीला होता है, लेकिन गिनी को भेजा जाने वाला यह विशेष इंजन नीले और फिरोजी रंग में होगा. गिनी के राष्ट्रीय झंडे में जहां नीला रंग प्रमुख रूप से दर्शाया गया है. वहीं इस रंग को वहां शांति, विश्वास, स्थिरता और समुद्र से जुड़ा माना जाता है. गिनी सरकार की पसंद को ध्यान में रखते हुए ””””कोमा”””” नामक इस विशेष रेल इंजन को नीले-फिरोजी रंग में रंगा गया है. यह रंग सिर्फ एक डिजाइन नहीं, बल्कि भारत द्वारा गिनी की सांस्कृतिक समझ और सम्मान का प्रतीक है. यह इंजन मढ़ौरा में बनाये गया है. यह फैक्ट्री ””””मेक इन इंडिया”””” पहल के तहत स्थापित की गयी है और यह देश की वैश्विक औद्योगिक क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाला बड़ा उदाहरण बन चुकी है. गिनी की सीमांडू परियोजना के लिए 4500 हॉर्स पावर क्षमता वाले कुल 143 रेल इंजनों का ऑर्डर इसी फैक्ट्री को मिला है. सीमांडू गिनी की एक महत्वपूर्ण खनिज परिवहन परियोजना है, जो देश के आर्थिक विकास के लिहाज से मील का पत्थर मानी जा रही है. फिलहाल, यहां तैयार इवोल्यूशन सीरीज के ES43ACi लोकोमोटिव गिनी भेजे जाने के लिए तैयार है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है