गुठनी. प्रखंड के गोगरा तटबंध का निरीक्षण एसडीओ सुनील कुमार ने बुधवार की दोपहर किया. उन्होंने इस निरीक्षण के क्रम में मैरिटार होते हुए सोनहूला व सोहगरा तट बांधो का गहनता से जांच की. एसडीओ सुनील कुमार ने बाढ़ विभाग के पदाधिकारियों को बरसात से पहले कटाव हुए बांधों के मरम्मत का सख्त निर्देश दिया. इसके साथ ही जहां जहां नदी की धार तीव्र दिख रही है. वहां बालू भर के बोरियों को रखना, कटाव रोकने के लिए बंडाल तैयार करना व सभी तैयारियों को पूरी करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में जब बांध से पानी टकराने लगता है. तब कटाव का खतरा बढ़ जाता है. इस निरीक्षण में सीवान बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरीय पदाधिकारी शामिल रहे. निरीक्षण के दौरान रेनकट और फोक स्वाइल को ठीक कराने, सभी सलूईस गेट क़ो चालू रखने का निर्देश दिया. जबकि केवटलिया से अमरपुर समेत करमहा और दरौली में भी कटाव निरोधक कार्य कराकर विशेष चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया.
बाढ़ से हर साल ग्रामीणों को होता है भारी नुकसान
सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से जहा एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. वही सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर बढ़ने के बाद निचले इलाकों में पानी जाना शुरू हो जाता है. इनमे ग्यासपुर, तिरबलुआ, बलुआ, खड़ौली, पाण्डेयपार, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर, गोहरुआ, बिहारी, गांवों के सैकड़ो एकड़ जमीन में लगी फसलो को हर साल भारी नुकसान होता है. ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान शौचालय, पीने का पानी, पशुओं का चारा का काफी दिक्कत होने लगती है.तिरबलुआ गांव में बाढ़ के पानी से छह सौ लोग हुए थे प्रभावित
सरयू नदी के जलस्तर बढ़ने की वजह से तीर बलुआ गांव पिछले वर्ष पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया था. जिससे गांव की लगभग 600 से अधिक आबादी बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हुई थी. ग्रामीणों की माने तो गांव को जोड़ने के लिए मात्र एक सड़क ही विकल्प के तौर पर बची हुई थी. वह भी बाढ़ से प्रभावित हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है