सीवान. बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने लिए शहर में लगाये गये ट्रांसफॉर्मर की सुरक्षा के प्रति बिजली कंपनी के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं.
न तो सुरक्षा के लिए जाली लगायी गयी है और न ही नियमों के मुताबिक ट्रांसफॉर्मरों की ऊंचाई रखी गयी है. जबकि, देखभाल के अभाव में अब तक करेंट की चपेट में कई लोग आ चुके हैं. आये दिन लाइन में फॉल्ट होने के कारण बिजली नहीं आने से लोग घंटों परेशान रहते हैं. इसके अलावा घनी बस्तियों में रहने वाले लोग हादसे की आशंका से भयभीत हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में बहुत पहले सड़क किनारे ट्रांसफॉर्मर को लगाया गया था. अब सड़के चौड़ी हो गयी है और ट्रांसफॉर्मर सड़क पर ही है. ऐसे में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर खतरा बना रहता है. बीते जनवरी महीने में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिले के तकरीबन दो दर्जन से अधिक ट्रांसफॉर्मर की फेंसिंग की गयी थी. इस फेसिंग के बाद लोगों में आस जगी थी की भीड़भाड़ वाले ट्रांसफॉर्मर की भी फेसिंग होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुख्यमंत्री का काफिला जिस मार्ग से जाना था, उस मार्ग की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया था. लेकिन, अन्य की स्थिति दयनीय होने के बाद भी उसे छोड़ दिया गया. यदि ट्रांसफॉर्मर की फेसिंग हो जाती, तो खतरा से लोग बचते. लेकिन, इस मामले को लेकर बिजली कंपनी उदासीन बनी हुई है.ट्रांसफॉर्मर के पास हमेशा बना रहता है खतरा
शहर के बबुनिया मोड़ केनरा बैंक के समीप, महादेवा चर्च,वीएम उच्च विद्यालय, डाक बंगला चौराहा, रजिस्ट्री कचहरी रोड स्थित ट्रांसफॉर्मर से हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है. क्योंकि यह सारे ट्रांसफॉर्मर जमीन से काफी कम ऊंचाई पर हैं और इसका तार नीचे तक फैला हुआ है. वहीं राजेंद्र पथ पर एक नहीं, बल्कि दो दो ट्रांसफॉर्मर एक ही जगह पर लगा हुआ है. चौक के समीप ट्रांसफॉर्मर होने के कारण ट्रांसफॉर्मर के समीप हमेशा भीड़भाड़ रहती है. बस व टेंपो वाले भी अक्सर यहीं पर सवारी उतारते हैं. यात्री बस व टेंपो से उतरकर ट्रांसफॉर्मर के समीप या उसके नीचे खड़े होते हैं. अक्सर इस ट्रांसफॉर्मर पर ज्यादा लोड होने के कारण इससे चिंगारी निकलती रहती है. चिंगारी निकलने के समय लोगों में भागमभाग की स्थिति बनी रहती है. भागने के क्रम में कई बार लोगों को चोटें भी आयी हैं. वहीं सदर अस्पताल गेट पर ट्रांसफॉर्मर के नीचे ठेला पर व्यवसाय किया जाता है. उन्हें इस बात का भय नहीं रहता है कि उनके सिर पर मौत नाच रही है. दिन प्रतिदिन सड़कें ऊंची होने के कारण ट्रांसफॉर्मर काफी नीचे हो गया है, जो हाथ से छू जाता है.बोले एसडीओ
एसडीओ शिवशंकर सिंह ने बताया कि अभी ट्रांसफॉर्मर की फेसिंग के लिए कोई योजना नहीं है. टेंडर होने के बाद फेसिंग की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है