सीवान. अपीलीय प्राधिकार से बहाल शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है. वर्ष 2006 व 2008 की रिक्ति पर नियोजित शेष शिक्षकों की नौकरी जाएगी. इसको लेकर विभाग सक्रिय हो गया है. इस सम्बंध में डीइओ राघवेंद्र कुमार सिंह ने सभी बीइओ से ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी है.
बीइओ को दिये गये निर्देश में डीइओ ने कहा है कि कामिनी कुमारी अन्य बनाम राज्य सरकार के साथ सम्बद्ध अन्य याचिकाओं में वर्ष 2006 एवं 2008 के रिक्ति के विरूद्ध जिला अपीलीय प्राधिकार के द्वारा पारित आदेश के आलोक में नियोजित शिक्षकों को माननीय न्यायालय द्वारा के द्वारा पारित आदेश को खारिज कर दिया गया है.जिसके अनुपालन में जिलान्तर्गत कुल 83 नियोजित शिक्षकों का नियोजन रद्द करने के हेतु संबंधित नियोजन इकाई को निदेशित किया जा चुका है. 83 नियोजित शिक्षकों के अतिरिक्त जिला अपीलीय प्राधिकार से नियोजित शिक्षकों की सूची को दो दिनों के अंदर सम्बंधित बीईओ अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.सूची के आधार पर राज्य अपीलीय प्राधिकार में दर्ज करायी जायेगी शिकायत
डीइओ ने बताया कि बीईओ द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के आधार पर राज्य अपीलीय प्राधिकार में जल्द ही शिकायत दर्ज करायी जाएगी. शिक्षा विभाग के इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप है. इन शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की आशंका है. यदि जांच में यह साबित हो जाता है कि इनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है, तो इन्हें भी नौकरी से निकाला जा सकता है. विभाग का कहना है कि वर्ष 2006 की रिक्ति को 2008 में सामंजित कर दिया गया. वहीं, 2008 की शिक्षक नियोजन की रिक्ति को 2012 में समंजित कर दिया गया. तृतीय चरण का शिक्षक नियोजन 2014 में पूर्ण हो गया. इसके बावजूद भी अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर बिना रिक्ति के ही शिक्षकों का नियोजन किया गया.जो नियमों के उल्लंघन के साथ साथ वित्तिय अनियमितता का द्योतक है. यदि जांच में यह साबित हो जाता है कि इनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है, तो इन्हें भी नौकरी से निकाला जा सकता है. शिक्षा विभाग के इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है