महाराजगंज. अनुमंडल मुख्यालय में बस स्टैंड नहीं होने की वजह से सवारी वाहन मुख्य सड़क पर ही खड़ा किये जाते हैं, जिससे सड़क पर आये दिन जाम लगा रहता है तथा राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. दरअसल अनुमंडल मुख्यालय मांझी बरौली स्टेट हाइवे 96 पर स्थित है. यह अनुमंडल राज्य के तीन जिलों सीवान, सारण और गोपालगंज से भी सटा हुआ है. इस सड़क से न केवल अंतर जिला बसों का संचालन होता है, बल्कि अंतरराज्यीय यूपी तथा नेपाल तक का भी आवागमन लगा रहता है. महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय होने के साथ ही क्षेत्रीय लोगों का बाजार भी यहीं से होता है, जिससे काफी अधिक संख्या में प्रतिदिन लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है. बस स्टैंड नहीं होने की वजह से बसें और अन्य छोटे-छोटे सवारी वाहन मुख्य सड़क पर ही खड़ा होते हैं. सवारी गाड़ी वाले करें भी तो क्या करें क्योंकि प्रशासन द्वारा बस पड़ाव की कोई उचित व्यवस्था नहीं किये जाने से मुख्य सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारी को उतारना और चढ़ाना पड़ता है. शहर स्थित राजेंद्र चौक पर सड़क किनारे वाहनों के खड़ा रहने से आये दिन जाम लगा रहता है. खास कर स्कूल खुलने और छूटी होने के समय ज्यादा परेशानी होती है. बस स्टैंड नहीं होने के कारण सड़क पर ही वाहन रोक कर सवारी चढ़ाते व उतारते हैं. यहां से सीवान, छपरा, पटना, एकमा, चंचौरा बाजार, भागवानपुर, जनता बाजार, सहाजितपुर, मशरख, अफराद, तरवारा तथा दरौंदा सहित अन्य जगहों के लिए बस, ऑटो और जीप चलता है. इन जगहों पर आने-जाने के लिए शहर के राजेंद्र चौक, शहीद स्मारक चौक व नागा बाबा मठ के समीप से चार जगहों के लिए वाहन खुलते और सवारियों के इंतजार में रुके रहते हैं. वहीं स्टैंड संवेदक के कर्मियों के द्वारा सड़क पर ही स्टैंड शुल्क वसूले जाते हैं. वहीं आसपास के दुकानदारों द्वारा माल की लोडिंग व अनलोडिंग भी सड़क पर ही वाहनों को खड़ा कर किया जाता है, जिससे पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है, जिसमें आम लोगों के साथ-साथ पदाधिकारियों के वाहन भी फंसे रहते हैं. स्टैंड नहीं, पर वसूली के लिए संवेदक का हो चुका है चयन वहीं, महाराजगंज थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह की मानें, तो इस स्थिति से निबटने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. अब यहां पर मैराथन कार्रवाई करने की जरूरत है. इसकी शुरुआत जल्द की जायेगी. महाराजगंज शहर का राजेंद्र चौक शहर के प्रमुख चौराहों में से एक है. यहां चार अलग-अलग दिशा की सड़कें एक साथ मिलती हैं. इसके कारण यहां वाहनों का दबाव काफी ज्यादा रहता है. जिला मुख्यालय जाना हो या दरौंदा रेलवे स्टेशन जाना हो या फिर छपरा एवं पटना आदि जगहों पर जाना हो इस चौक से हो कर गुजरना ही पड़ेगा. यहां सड़कों पर जाम की समस्या से लोग काफी परेशान हैं. व्यस्ततम चौक और चौराहा होने के कारण यहां स्टैंड और पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. वाहन स्टैंड के लिए सीवान जिला परिषद द्वारा चयनित संवेदक को निविदा भी दिया जा चुका है, लेकिन संवेदक के कर्मी सिर्फ वाहनों से पैसा वसूली में लगे रहते हैं. इतना ही नहीं, सवारी के इंतजार में काफी समय तक सड़क पर ही वाहन खड़ा कर बेसुध रहते हैं, जिसके कारण मिनटों में जाम की स्थित उत्पन्न होने के साथ साथ दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है. लोगों को अगर किसी आपात स्थिति या फिर जरूरी कार्य के लिए कहीं समय से पहुंचना है तो अक्सर लोगों को निराशा ही हाथ लगती है. खास कर स्कूल खुलने और छूटी होने के समय ज्यादा परेशानी होती है. उस दौरान पुलिस प्रशासन की उपस्थिति भी नदारद रहती है. जाम की समस्या से पदाधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया जा चुका है, लेकिन इस दिशा में लोगों को ठोस पहल का इंतजार अब भी है. बस अड्डा के लिए नहीं की जा रही सार्थक पहल कुछ समय पहले एक प्रस्ताव आया था कि एक बाइपास सड़क बना दी जाये और बाइपास पर ही बस स्टैंड बना दिया जाये. जिससे बाजार में भारी वाहनों का आवागमन कम हो जाये. लेकिन यह योजना अभी तक हवा-हवाई ही प्रतीत होती है. जबकि तत्कालीन एसडीएम रामबाबू कुमार और अन्य अधिकारियों द्वारा बाइपास के लिए सर्वे भी किया गया था. इधर बिहार सरकार की घोषणा है कि राज्य के हर अनुमंडल मुख्यालय में एक बस अड्डा होगा, लेकिन महाराजगंज में सरकार की घोषणा महज एक छलावा बन कर रह गयी है. बिहार सरकार की यह घोषणा आज तक जिला प्रशासन या अनुमंडल प्रशासन द्वारा सार्थक पहल नहीं की गयी. जबकि जिला परिषद महाराजगंज से बस स्टैंड के नाम पर हर साल लाखों रुपये की वसूली करता है. लेकिन बस स्टैंड के नाम पर कोई सुविधा नहीं देती है. इस दिशा में न तो नगर पंचायत प्रशासन और ना ही अनुमंडल प्रशासन कोई ठोस पहल नहीं करती दिख रही है. आये दिन शहर की आबादी बढ़ने से जाम की समस्या आम बात हो गयी है. हालांकि ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए समय-समय पर दल बल के साथ पहुंच कर थानाध्यक्ष खुद मशक्कत करते नजर आते हैं. बावजूद इसके स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है. ———————— बोले अधिकारी सड़क को व्यवस्थित करने की लगातार कोशिश की जा रही है और जहां-तहां वाहन खड़ा करनेवालों पर कार्रवाई भी गयी है. लेकिन समस्या बदस्तूर बनी हुई है. इससे निजात दिलाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी. हरिश्चंद्र, इओ नगर पंचायत, महाराजगंज
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