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शिक्षा विभाग की बैठक में फिर नहीं पहुंचे कुलपति, इंतजार करते रह गए अधिकारी, जानें पूरा मामला

शिक्षा विभाग ने सोमवार को सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में शिक्षा विभाग के अफसर इंतजार करते रह गये लेकिन कोई नहीं आया. क्योंकि राजभवन ने एक बार फिर बैठक में शामिल होने की नहीं दी अनुमति.

शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार बुलाई गई सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक एक बार फिर से नहीं हो पाई. इस प्रस्तावित बैठक में विभाग के अधिकारी इंतजार करते रह गए लेकिन कुलपति नहीं आए. यह बैठक उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा बुलाई गई थी. इस मीटिंग में विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन को लेकर आ रही दिक्कतों पर विमर्श किया जाना था. लेकिन बैठक में कुलपति नहीं पहुंचे. बैठक नहीं होने से राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच अविश्वास की खाई और गहरी हो गयी है.

इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को किया गया था आमंत्रित

उच्च शिक्षा निदेशालय ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय , मुंगेर विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विवि , मगध विश्वविद्यालय , नालंदा खुला विश्वविद्यालय , पूर्णिया विश्वविद्यालय और मौलाना महजरूल हक अरबी-फारसी विवि के कुलपतियों को इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.

कुलपतियों ने राजभवन को लिखा था पत्र

दरअसल, इन सातों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने राजभवन को पत्र लिख कर कहा था कि वेतन का भुगतान नहीं होने की वजह से आयकर रिटर्न भरने में कठिनाई आ रही है. इसके साथ ही बताया था कि बैंक खातों पर पाबंदी की वजह से विश्वविद्यालयों की परीक्षा आयोजन में असुविधा हो रही है.

राजभवन ने शिक्षा विभाग को लिखा था पत्र

विश्वविद्यालयों से मिली शिकायत के बाद राजभवन ने इन दिक्कतों के समाधान के संदर्भ में शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था. शिक्षा विभाग ने इस मामले में विमर्श के लिए सीधे कुलपतियों को ही आमंत्रित कर लिया. इधर कुलपतियों ने कुलाधिपति से इस बैठक में शामिल होने के लिए मार्ग दर्शन मांगा. कुलाधिपति ने इस बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें अनुमति नहीं दी.

इससे पहले की बैठकों में नहीं शामिल हुए कुलपति

इससे पहले हाल ही में 28 और 29 मार्च को शिक्षा विभाग की तरफ से बुलाई गई बैठक में मेजबान शिक्षा विभाग के अफसर खुद ही नहीं पहुंचे थे. विश्वविद्यालयों की तरफ से कुलपति भी नहीं आये थे. हालांकि विश्वविद्यालय के अन्य शीर्ष अफसर बैठक में जरूर पहुंचे थे.

इससे पहले 15 मार्च, नौ मार्च , तीन मार्च और 28 फरवरी को शिक्षा विभाग की तरफ से बुलायी गयी बैठकें कुलपतियों के न आने से नहीं हो सकी हैं. इसी दरम्यान दो और तीन मार्च को बुलाया गया उन्मुखीकरण सह बैठक भी नहीं हो सका था. दरअसल राज्यपाल ने इन बैठकों में शामिल होने के लिए विशेष तकनीकी वजहों से अनुमति नहीं दी.

गतिरोध सुलझाने आठ मार्च को राजभवन में हुआ था विमर्श

आठ मार्च को राज्यपाल सह कुलाधिपति के समक्ष उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की मौजूदगी में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि शिक्षा विभाग अपने 28 फरवरी के उस आदेश को तत्काल वापस लेगा, जिसमें विश्वविद्यालय पदाधिकारियों के वेतन और बैंक खातों के संचालन पर रोक लगायी गयी है. यह रोक अभी तक कायम है. राजभवन ने इस मामले में में राज्य के मुख्य सचिव को एक जरूरी पत्र लिख रखा है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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