Patna: 29 जून को पटना के गांधी मैदान में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों की तरफ से बुलाए गई रैली में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया था कि अगर इस साल के आखिरी में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की सरकार बनती है तो वह केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेक देंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह कहा था कि महागठबंधन की सरकार वक्फ कानून को बिहार में लागू नहीं करेगी. उनके इस बयान पर अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पलटवार किया है.
किसी धर्म के खिलाफ नहीं है कानून: जीतन राम मांझी
वक्फ कानून के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक मीडिया एजेंसी से कहा कि तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेता इसलिए वक्फ बिल का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह एक खास धर्म को निशाना बनाता है. मैं बताना चाहता हूं कि ये कानून किसी धर्म और व्यक्ति के विरुद्ध नहीं हैं. यह पूरी तरह से मैनेजमेंट का मामला है. आज तक कुछ लोगों ने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है, जिससे गरीबों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.
लालू यादव ने बिहार में कायम किया था जंगलराज
इस दौरान तेजस्वी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “बिहार में तेजस्वी यादव के पिता को 15 साल का समय जनता ने दिया था, लेकिन उन्होंने बिहार में जंगलराज बनाकर रख दियाृ. वे भी अपने पिता के बेटे हैं, उन्हें कोई अनुभव नहीं है.”
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चिराग पर भी साधा निशाना
क्या चिराग पासवान सीट बंटवारे से पहले एनडीए पर दबाव बना रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “आपने 2020 में भी यही देखा. चिराग पासवान ने 2020 में जो किया, उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. अगर इस बार भी वे यही दोहराते हैं, तो नतीजा भी वैसा ही होगा, क्योंकि अभी बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार है.