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मजा तो तब आए, जब चुनाव परिणाम में तीन महीने की देरी हो, युवा वोटरों ने सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास

परीक्षा परिणाम में विलंब या उसे लंबे समय तक टलने से नाखुश युवा वोटरों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा कि मजा तो तब आए जब परीक्षा परिणाम की तरह चुनाव परिणाम भी लटक जाए.

लोकसभा चुनाव के सात में से छह चरणों का मतदान पूरा हो चुका है. सातवें चरण का मतदान 1 जून को होना है. वहीं इस बार चुनाव में उम्मीदवारों से लेकर उनके समर्थकों तक की सोशल मीडिया पर काफी सक्रियता देखी जा रही है. लोग अपना गुस्सा निकालने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं, मतदाता भी सोशल मीडिया के जरिए नेताओं पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.

युवा वोटरों ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

हाल ही में, एक युवक ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाला जिसमें उसने लिखा, अब मात्र एक चरण का चुनाव बचा है. मजा तो तब आये, जब चुनाव परिणाम तीन माह के लिए लटक जाये. फिर जब परिणाम आये, तो नॉर्मलाइजेशन हो. दोबारा मेरिट लिस्ट बने. फिर मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में जाये. नेता परिणाम के लिए धरना दें. पुलिस उन पर लाठीचार्ज करे. आंसू गैस, वॉटर कैनन से उनका सेवा सत्कार करे. फिर एक साल बाद फैसला आये कि दोबारा चुनाव होगा. तब इन्हें अभ्यर्थियों के दर्द का अहसास होगा.

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मजा तो तब आए, जब चुनाव परिणाम में तीन महीने की देरी हो, युवा वोटरों ने सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास 4

इस पोस्ट को ढेर सारे लोगों ने लाइक और शेयर किया है. और यह ऐसा कोई इकलौता पोस्ट नहीं है. फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम और एक्स (twitter) तक पर युवा वोटरों द्वारा कई ऐसे पोस्ट किए गए हैं.

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मजा तो तब आए, जब चुनाव परिणाम में तीन महीने की देरी हो, युवा वोटरों ने सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास 5

सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं इन युवा मतदाताओं की बात भी सही है. आज नेता गर्मी, धूप, धूल, बारिश की परवाह किये बगैर अपने लिए रैलियां और सभाएं कर रहे हैं. चुनाव जीतने के लिए नेता जी-जान से मेहनत कर रहे हैं, उसी तरह एक नौकरी की चाहत में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाला उम्मीदवार भी दिन-रात एक कर मेहनत करता है. वो फॉर्म भरता है परीक्षा देता है. इसके बाद कभी पेपर लीक हो जाता है तो कभी किसी और कारण से परीक्षा का परिणाम लटक जाता है. कई बार तो रिजल्ट आने में तीन-चार साल का वक्त लग जाता है तो कभी परीक्षा रद्द कर दी जाती है.

इन प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट की तरह अगर चुनाव परिणाम आए तो नेताओं की क्या हालत होगी? इसलिए चुनाव में एक मुद्दा यह भी होना चाहिए कि कदाचार मुक्त परीक्षा हो, परीक्षा परिणाम समय पर आये और इसमें कोई रोक-टोक न हो.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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