ED Raid in Chhattisgarh: सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास और अन्य परिसरों पर तलाशी ईडी लेने पहुंची. इस दौरान जांच अधिकारियों की कार को कथित तौर पर रोकने और उसकी खिड़की तोड़ने वाले 15-20 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारियों के वाहन के साथ यह घटना सोमवार शाम करीब 4.30 बजे हुई, जब वे तलाशी के बाद पूर्व सीएम के घर से बाहर निकल रहे थे. ईडी ने भिलाई में बघेल और उनके बेटे चैतन्य के आवास समेत 14 स्थानों पर छापेमारी की.
किराए पर ली गई थी गाड़ी
किराए पर ली गई गाड़ी के ड्राइवर ने शिकायत में लिखा है, “किसी तरह पुलिस बल की मदद से गाड़ी को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया. इस दौरान एक व्यक्ति ने पत्थर फेंककर गाड़ी के ड्राइवर साइड के शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया. बाद में मुझे अन्य लोगों से जानकारी मिली कि पत्थर फेंककर शीशा तोड़ने वाले का नाम सनी अग्रवाल है. इस घटना से मैं काफी डरा हुआ हूं. मामले में कार्रवाई होनी चाहिए.”
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शिकायत के आधार पर, बीएनएस धारा 191 (2) (दंगा), 190 (अवैध सभा), 221 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकना), 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), और 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), साथ ही सार्वजनिक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 (सार्वजनिक संपत्ति को विकृत करने के लिए सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
ईडी ने क्यों मारा छापा?
ईडी छापेमारी का मामला छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कथित शराब घोटाले से संबंधित था. छापेमारी सुबह-सुबह शुरू हुई. धीरे–धीरे राज्य कांग्रेस के नेता, विधायक और कार्यकर्ता बघेल के आवास के बाहर इकट्ठा होने लगे. वे बीजेपी और ईडी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.