Bokaro News : सीसीएल ढोरी एरिया अंतर्गत ढोरी खास चार, पांच व छह नंबर इंक्लाइन काफी पुरानी है. वर्षों पहले से ढोरी खास चार-पांच व छह नंबर इंक्लाइन के अलावा मकोली, एनएसडी इंक्लाइन चलती थी. लेकिन वर्षों पहले एनएमसी इंक्लाइन को सुरक्षा कारणों से प्रबंधन ने बंद कर दिया था. वर्तमान में ढोरी खास इंकलाइन चार, पांच, छह, सात व आठ नंबर इंक्लाइन चालू है. वर्ष 2024-25 में ढोरी खास इंक्लाइन से एक लाख 20 हजार टन कोयले का उत्पादन हुआ था. सूत्रों के अनुसार ढोरी खास इंक्लाइन राष्ट्रीयकरण के समय से चल रही है. वर्ष 2013-14 में ढोरी खास चार, पांच व छह नंबर इंक्लाइन में भयानक दुर्घटना हुई थी. उस समय इंक्लाइन में अचानक पानी भरने से कोलियरी मैनेजर पीके सिंह व माइनिंग सरदार अजयकांत यादव की मौत हो गयी थी. उस समय ढोरी एरिया के महाप्रबंधक चरण सिंह थे.
28 मई 1965 को ढोरी खान दुर्घटना में 268 मजदूरों की हुई थी मौत
निजी खान मालिकों के समय ढोरी कोलियरी इंक्कलाइन में 27-28 मई 1965 की रात लगभग पौने एक बजे माइंस में भयानक विस्फोट हुआ था, जिसमें 268 मजदूरों और कर्मियों की मौत हो गयी थी. दुर्घटना के समय दूसरी पाली के मजदूर बाहर आ रहे थे और तीसरी पाली के मजदूर काम पर जा रहे थे. एकाएक भयानक विस्फोट हो गया और खदान के तीनों मुहानों से लावा फूट पड़ा. लावा दो-ढाई मील तक फैल गया. खदान के भीतर काम करने वाले एक भी मजदूर बाहर नहीं आ सके थे. कई मजदूरों के शव ऊपर पड़े थे. खदान के अंदर से निकाले गये शव क्षत-विक्षत हो गये थे. इससे शवों की पहचान मुश्किल हो रही थी. एक इंक्लाइन के मुहाने पर स्थित हाजिरी ऑफिस उड़ गया था. हाजिरी बाबू का शव 25 फीट दूर मिला था. दूसरी इंकलाइन में कम से कम दो सौ वर्ग फीट का एरिया धंस गया था और दरवाजा बंद हो गया था. खदान की जांच के क्रम में अंदर में गैस पायी गयी थी. बीआइ 10 खदान के 15वें दक्षिणी लेबल में काफी मात्रा में मिथन गैस भर गया था. एक मजदूर खुली बत्ती लेकर वहां पहुंचा, तो विस्फोट हो गया.
12 जून को धंसी थी चाल, ओवरमैन सहित कई मजदूर हुए थे घायल
सीसीएल ढोरी खास भूमिगत खदान 4-5 इंक्लाइन में द्वितीय पाली में ड्यूटी के दौरान 12 जून को चाल धंसने से ओवरमैन मयंक कुमार सहित सीसीएलकर्मी सुफल मांझी, महावीर तुरी, मधु बाउरी घायल हो गये थे. घटना के बाद कामगारों ने बीच बचाव कर सभी घायलों को मलबे से निकाला था. इसके बाद प्रबंधन ने आनन-फानन में अन्य मजदूरों की मदद से घायल मजदूरों को खदान से बाहर निकाला. फिर केंद्रीय अस्पताल ढोरी पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायल ओवरमैन मयंक कुमार को रांची रेफर कर दिया था. वह फिलहाल रांची में इलाजरत हैं. वहीं घटना में सुफल मांझी का बायां हाथ फ्रेक्चर कर गया. महावीर तुरी, मधु बाउरी को हल्की चोट लगी थी. यह घटना तब घटी, जब ब्लास्टिंग के लिए खदान में ड्रिल करने के दौरान अचानक चाल धंस गयी थी. इधर, सोमवार की रात की घटना के बाद सीसीएल आइएसओ बीपी सिंह, अशोक सिंह ने भूमिगत खदान का निरीक्षण किया. प्रबंधन को सुरक्षा के बाबत कई दिशा-निर्देश दिये.
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