बोकारो, जिले में हो रही बारिश, संभावित जलजमाव और आपदा से उत्पन्न स्थिति को लेकर उपायुक्त अजय नाथ झा ने शनिवार शाम वीडियो संवाद के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर निकाय प्रतिनिधि, जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं बीएसएल प्रबंधन के साथ समीक्षा बैठक की. अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रोएक्टिव मोड में कार्य करें, ताकि किसी भी संभावित संकट से समय रहते निपटा जा सके. बारिश के कारण कहीं भी बिजली आपूर्ति, पेयजल सेवा या स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित ना हों. यदि ऐसी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो संबंधित अधिकारी स्थल पर जाकर तत्काल उसका निदान करें.
नियंत्रण कक्ष की सूचना पर तुरंत करें कार्रवाई
उपायुक्त ने कहा कि जिला नियंत्रण कक्ष को पूर्ण रूप से सक्रिय किया गया है, वहां रोटेशन पर कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. जिला नियंत्रण कक्ष में प्राप्त हर सूचना व सहायता को रिकॉर्ड कर संबंधित विभाग को तत्काल अग्रसारित किया जाये. उस पर संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारी तुरंत कार्रवाई करेंगे. डीसी ने कहा कि वह स्वयं प्रत्येक छह घंटे पर नियंत्रण कक्ष से प्राप्त शिकायतों-उसके निष्पादन की समीक्षा करेंगे.स्वास्थ्य, बिजली, जलापूर्ति व अन्य कार्यालय रहेंगे अलर्ट
डीसी ने स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल, प्रखंड सह अंचल कार्यालयों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया. सिविल सर्जन को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जीवन रक्षक दवाएं, एंटी वेनम, एम्बुलेंस व चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा. कोई भी चिकित्सक अवकाश पर नहीं जायेगा. उन्होंने मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए ब्लिचिंग पाउडर छिड़काव तथा जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता अभियान चलाने को कहा.गरगा डैम की मरम्मत कार्य शीघ्र करें शुरू
उपायुक्त ने बीएसएल प्रबंधन को गरगा डैम की सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव तैयार कर उसकी शीघ्र मरम्मत शुरू करने का निर्देश दिया. कहा कि डैम के सभी गेट ऑपरेशनल हो, इसे सुनिश्चित करें. उन्होंने गरगा डैम और तेनुघाट डैम की निगरानी लगातार करने को कहा. जल स्तर बढ़ें या गेट खोलना हो तो तुरंत रिपोर्टिंग हो.
राहत केंद्रों के लिए विद्यालय भवनों की सूची बनाएं
उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों-अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे क्षेत्रों में संभावित राहत शिविर के लिए विद्यालय भवनों को चिन्हित करें. कम से कम चार स्थलों की सूची तैयार कर जिला को सूची उपलब्ध कराए. डीसी ने कहा कि यह ध्यान रखें कि चिन्हित भवन सुरक्षित, समुचित स्थान पर हों और बिजली-पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो.जलजमाव वाले स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन रखें बंद
डीसी ने कहा कि जिन विद्यालय परिसर एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी भर गया है या जल-जमाव है, वहां बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल संचालन स्थगित करना डीइओ-डीएसइ व डीएसडब्ल्यूओ सुनिश्चित करें. ऐसे स्कूलों को निकटवर्ती सरकारी भवनों में अस्थायी रूप से संचालित करें. बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है.नदी किनारे, डैम व जल प्रपातों पर सेल्फी पर रोक-चेतावनी बोर्ड लगाएं
उपायुक्त ने कहा कि बारिश में नदी, जल प्रपात और डैम क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील हो जाते हैं. इसके बावजूद कई पर्यटक जोखिम उठाते हुए सेल्फी लेने लगते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है. ऐसे में तेनुघाट डैम, लुगू बुरु, पेटरवार जल प्रपात, कोनार डैम, गरगा डैम, बरवाघाट जैसे सभी पर्यटन स्थलों पर सेल्फी लेना वर्जित है, खतरनाक क्षेत्र, यहां बैठना मना है जैसे चेतावनी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया. उन्होंने स्थानीय प्रशासन एवं थाना को नियमित निगरानी करने और रोकथाम के उपाय सुनिश्चित करने को कहा.आपदा जनित स्थिति में घबरायें नहीं, संपर्क करें
उपायुक्त ने जिला वासियों से अपील किया कि वे किसी भी आपदा जनित स्थिति में घबराएं नहीं. तत्काल अपने बीडीओ-सीओ एवं थाना प्रभारी या जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें. जिला नियंत्रण कक्ष – 8986660333 / 06542‑223705 / 247891, आपातकालीन सेवा – डायल 100 /112 पर संपर्क करें. वहीं, उपायुक्त ने लोगों से अफवाहों से बचने, सोशल मीडिया पर सिर्फ सत्यापित जानकारी साझा करने और अपने क्षेत्र की स्थिति की सूचना प्रशासन को देने को कहा, ताकि समय पर राहत पहुंचाई जा सके.
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