बोकारो, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) व सार्वजनिक क्षेत्र के स्टील कर्मियों के समर्थन में बोकारो स्टील प्लांट के इस्पात भवन पास सेक्शन पर गुरुवार को अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआइटीयूसी) के आह्वान पर बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक) ने एकजुटता दिवस मनाया. यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि यह दिन विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के संघर्षरत श्रमिकों व देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र के स्टील कर्मचारियों के समर्थन में समर्पित है. बताया कि 21 जनवरी 2021 से वीएसपी के मजदूर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. यह संकट प्राकृतिक नहीं है, बल्कि सरकारी उपेक्षा की उपज है.
निजीकरण की योजना को तत्काल वापस लिया जाये
श्री सिंह ने विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निजीकरण की योजना को तत्काल वापस लेने, संयंत्र में पूंजी निवेश करने, कैप्टिव लौह अयस्क खदानें आवंटित करने, सभी निष्कासित कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करने, आंदोलनकारी मजदूरों का उत्पीड़न रोकने, विस्थापित परिवारों को रोजगार देने, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट को सेल में मर्ज करने आदि की मांग की.
16,000 परिवारों का पुनर्वास हुआ, पर 8,000 परिवारों को नहीं मिला रोजगार
श्री सिंह ने कहा कि ₹11,200 करोड़ के पुनरुद्धार पैकेज का गलत उपयोग किया गया. पैसों को संयंत्र के आधुनिकीकरण में लगाने के बजाय बैंकों के कर्ज चुकाने में इस्तेमाल किया गया. 32 लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी. सीपीआइ के 62 विधायक व नौ सांसदों ने इस्तीफा दिया. 26,000 एकड़ भूमि दान में दी गयी. 16,000 परिवारों का पुनर्वास हुआ. लेकिन, अभी भी 8,000 परिवारों को रोजगार नहीं मिला. एक समय यह संयंत्र उच्च गुणवत्ता की स्टील उत्पादन करने वाला एक आदर्श सार्वजनिक उपक्रम था, जो भारत के आधारभूत ढांचे में अहम भूमिका निभाता था. आज इसकी कीमत ₹4 लाख करोड़ से अधिक है.
ये थे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से सतेंद्र कुमार, अबू नसर, राजीव, मनोज, बिनोद, डी मंडल, संजीव पोद्दार, पप्पू, प्राण सिंह, उदय प्रताप, दिलीप, ओम प्रकाश आइडी प्रसाद, एमपी सिंह, आर शर्मा, आरआर दास, धनंजय शर्मा, जितेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है