बोकारो, चिन्मय मिशन केंद्र बोकारो की ओर से आयोजित छह दिवसीय ज्ञान यज्ञ का मंगलवार को समापन हो गया. इससे पूर्व स्वामी अद्वैतानंद ने कहा कि संपूर्ण जगत में ईश्वर का ही वास है, सभी ब्रह्ममय है. एकीकृत दृष्टि का विकास करें. सभी में परमात्मा का निवास है. किसका जीवन सफल है, किसे धन्य कहा जाये. सांसारिक जीवन में हम साधारणतया उन्हें धन्य कहते हैं, जो विधिवत शिक्षा, अच्छी नौकरी, धन, मकान, पुत्र आदि प्राप्त कर लेते हैं. ऐसे व्यक्ति को और धन्य तब माना जाता है, जब उनके बच्चे भी उनकी तरह भौतिक समृद्धि प्राप्त करते हैं. चिन्मय विद्यालय (अयोध्या कांड) व चिन्मय मिशन केंद्र-सेक्टर पांच में (धनाष्टकम) प्रवचन सुनने के लिये भक्तों की भीड़ उमड़ी.
अहम भाव को त्याग कर ईश्वर को समर्पित कर सारा कर्म करें
स्वामी अद्वैतानंद ने कहा कि सब समृद्धि के बाद भी एक ऐसा समय आता है, जब व्यक्ति एक शून्यता, खोखलापन या आपूर्णता का अनुभव करता है. तो फिर धन्य कौन है, कौन सफल है. इसका उत्तर देते हुए कहा कि जो आध्यात्मिक दृष्टि से संपन्न है, जिसे शास्त्र ज्ञान व वैराग्य की प्राप्ति है, जो परमात्मा से एकीकृत प्राप्त कर लेता है. वह धन्य है, जो अपने सच्चिदानंद स्वरूप को जान लेता है, लेकिन यह प्राप्त कैसे होगा. स्वामी जी ने कहा कि सच्चा ज्ञान प्राप्त कर इंद्रियों का शमन, गृहस्थ जीवन की मोह माया को त्याग कर आत्मज्ञान को रसपान, अहम भाव को त्याग कर ईश्वर को समर्पित कर सारा कर्म इसका उपाय है.
सांसारिक सुखों का त्याग व इंद्रियों पर विजय से ही मुक्ति का मार्ग होगा प्रशस्त
स्वामी अद्वैतानंद ने कहा कि साधु, संत, सिद्ध, ज्ञानी जन…जिन्होंने अपने आत्म स्वरूप को जान लिया है. उनके समीप जाकर निरंतर आत्मज्ञान की चर्चा करें. हम सब उन संतों के साथ अपना मन मिलावे, जिनका हृदय प्रेम से परिपूर्ण है और जिन्हें निरंतर आत्मानंद की अनुभूति हो रही है. सांसारिक बंधनों से दूरी, सांसारिक सुखों का त्याग व इंद्रियों पर विजय से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. जाति, धर्म, पंथ कुछ नहीं है. संपूर्ण दृश्यमान जगत ही ब्रह्म से ओत प्रोत है. संपूर्ण सृष्टि ही परब्रह्म का प्रकटीकरण है. ज्ञान-यज्ञ के अंतिम दिन स्वामी अद्वैतानंद ने श्रीवचन से श्रीराम-वाल्मिकी संवाद का आध्यात्मिक चिंतन व साधना के विभिन्न रूप में दर्शन कराया.ये थे मौजूद
मुख्य अतिथि उपायुक्त अजय नाथ झा को स्वामी ने स्मृति चिन्ह भेंट किया. मौके पर चिन्मय मिशन की आवासीय आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती, विद्यालय अध्यक्ष बिश्वरूप मुखोपाध्याय, सचिव महेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष आरएन मल्लिक, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप-प्राचार्य नरमेंद्र कुमार व हेडमास्टर गोपाल चंद्र मुंशी सहित विद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी, छात्र परिषद के सदस्य व चिन्मय मिशन बोकारो-चास के सदस्य व भक्तगण उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है