पेटरवार, कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार में शनिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें इंजीनियर विनय कुमार ने क्षेत्र के किसानों को ड्रम सीडर मशीन के उपयोग व लाभों के बारे में जानकारी दी. श्री कुमार ने बताया कि ड्रम सीडर का उपयोग करने से किसानों को लागत कम और मुनाफा अधिक होता है. ड्रम सीडर से बुआई करने पर प्रति हेक्टेयर मजदूरी लागत में 90 प्रतिशत तक की कमी आती है.
फसल में 10-15 प्रतिशत तक अधिक उपज मिल सकती है
उत्पादकता के संदर्भ में अनुसंधान के अनुसार ड्रम सीडर से बोई गयी फसल में 10-15 प्रतिशत तक अधिक उपज मिल सकती है. एक अध्ययन के मुताबिक, ड्रम सीडर से बोई गई धान की औसत उपज 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है, जबकि पारंपरिक विधि में यह उपज 40-43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है. बताया कि खरपतवार नियंत्रण भी ड्रम सीडर की एक बड़ी विशेषता है. ड्रम सीडर से बोई गयी फसल में खरपतवार की समस्या कम देखी गयी है. जिससे किसानों को कम लागत में और कम श्रम में बेहतर परिणाम मिलते हैं. कार्यक्रम में 50 से अधिक किसान शामिल हुए. मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार के वरीय वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार, मो जुनैद आलम आदि उपस्थित थे.
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