कसमार, कसमार और जरीडीह प्रखंड के लगभग 100 से अधिक गांवों में करीब चार दिनों से बिजली संकट व्याप्त है. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. 24 घंटे में तीन-चार घंटे भी ठीक बिजली नहीं मिल पा रही है. गुरुवार को दिन भर में मुश्किल से एक घंटे भी विद्युत आपूर्ति नहीं हो पायी. विद्युत कर्मियों का कहना है कि पेटरवार और गोला के बीच 33000 विद्युत लाइन में फाॅल्ट होने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है. दूसरी और ग्रामीणों एवं उपभोक्ताओं में इस बात को लेकर आक्रोश व्याप्त है कि हल्की आंधी और बारिश में भी 33000 और 11000 विद्युत लाइन में बार बार फाॅल्ट क्यों आ जाती है. विद्युत आपूर्ति लंबे समय तक बाधित हो जाने के चलते लोगों का जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. दिन में छोटे-मोटे उद्योग धंधे और व्यवसाय से लेकर सब कुछ ठप पड़ जाता है. लोगों के मोबाइल तक चार्ज नहीं हो पा रहे हैं.
हल्की बारिश व हवा से आ जा रही गड़बड़ी
मालूम हो कि कसमार प्रखंड के बगियारी सब-स्टेशन से कसमार और जरीडीह प्रखंड के लगभग 70-80 गांव जुड़े हुए हैं. बगियारी सब स्टेशन को गोला डीवीसी से विद्युत आपूर्ति होती है. गोला से पेटरवार के बीच जर्जर तारों पोल हल्की बारिश और हवा में भी टूट कर गिरने या फॉल्ट हो जाने से बरियारी सब स्टेशन को बिजली नहीं मिल पाती है और इससे जुड़े दर्जनों गांव में ब्लैक आउट हो जाता है.
उपकरणों की गुणवत्ता की जांच की मांग
कसमार प्रखंड की पूर्व उप प्रमुख ज्योत्सना झा, आजसू नेता अशोक कुमार सिंह, राम सेवक जायसवाल, राजेश कुमार राय, समाजसेवी पंकज कुमार जायसवाल आदि ने गोला से पेटरवार व पेटरवार से कसमार के बीच विद्युतीकरण के कार्य में लगे उपकरणों की गुणवत्ता की जांच की मांग उठायी है. उन्होंने कहा है कि विद्युतीकरण में घटिया सामग्री का उपयोग होने के कारण ही बार-बार फाॅल्ट आ जा रहा है और उसका खामियाजा लोगों को भुगतान पड़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर विद्युत आपूर्ति दुरुस्त नहीं हुई तो लोग सड़क पर उतरने के लिए बाध्य हो जाएंगे.
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