सीपी सिंह, बोकारो, सभी गांवों में हर घर तक साफ व सुरक्षित पानी पहुंचाने की कल्पना के साथ 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की गयी. ग्रामीण इलाकों में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचाना था. 2024 तक योजना को पूरा करना था. हालांकि अब डेटलाइन बढ़ाकर 31 दिसंबर 2028 कर दी गयी है. काम पूरा करने की समय सीमा तो बढ़ गयी, लेकिन बोकारो जिले में काम करने की रफ्तार में कोई इजाफा नहीं हुआ है. बोकारो में योजना चल नहीं रही, बल्कि मौजूदा स्थिति में यह रेंग रही है.
योजना के तहत बोकारो जिले के 316690 घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. योजना के शुरू हुए पांच साल हो गया है. टाइम लाइन खत्म होने के बाद भी अबतक सिर्फ 50.01 प्रतिशत चिन्हित घर में ही योजना पहुंची है. यानी 1,58,371 घर में योजना के तहत कनेक्शन मिला है. यह स्थिति तब है जब बोकारो जिला में योजना की शुरुआत के समय ही 21148 घर नल से जल पहुंच रहा था.वित्तीय वर्ष 2025-26 में मात्र 467 को मिला लाभ
बोकारो की सुस्त रफ्तार को इसी से समझा जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला में मात्र 2287 घर को इस योजना से जोड़ा गया है. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2025-26 में मात्र 467 लोगों के घर में कनेक्शन मिला है.साल दर साल, सुस्त होती गयी रफ्तार
बोकारो जिले में हर घर को योजना से जोड़ने की कार्य गति बढ़ने के बजाय कम हो रहा है. 2019-20 में योजना के तहत 2862 घर को कनेक्शन मिला. वित्तीय वर्ष 2022-21 में 44,495 घर को कनेक्शन मिला. इसके बाद जिला का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 39,980 घर, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 26,736 घर, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 20,345 घर को कनेक्शन दिया गया. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2338 घर को ही योजना के तहत कनेक्शन मिला.
जिले के 691 गांव में से 90 में शत-प्रतिशत कनेक्शन
बोकारो जिले के 691 गांवों में से 90 में शत-प्रतिशत घरों में योजना के तहत कनेक्शन दिया गया है. वहीं 600 गांवों में काम चल रहा है. जिले के गोमिया प्रखंड के खमहारा पंचायत के करमाटांड़ में अभी तक योजना की शुरुआत तक नहीं की गयी है. जिले के 244 में से 29 पंचायत ने हर घर जल पंचायत के लिए रिपोर्ट की है. इसमें से 27 को सर्टिफाइड कर दिया गया है.पहले कोविड, फिर डक्टाइल पाइप की कमी, अब फंड कमी
जानकार बताते हैं कि कोविड के चलते दो वर्ष योजना में काम धीमी गति से चली. प्रोजेक्ट में लगने वाले डक्टाइल आयरन पाइप की भी कमी रही. जानकार बताते हैं कि इस पाइप को बनाने वाले सीमित हैं, पाइप की मांग अचानक बढ़ने से सप्लाई में देरी हुई है. इससे भी काम प्रभावित हुआ है. विभागीय लोगों की माने तो योजना को लेकर फंड की कमी भी है. फरवरी 2024 के बाद से फंड की कमी के कारण योजना प्रभावित हुई है. चालू वित्तीय वर्ष केंद्र सरकार की ओर से कोई फंड रिलीज नहीं किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है