बोकारो, वामपंथी दलों की ओर से नयामोड़, बिरसा चौक पर फिलीस्तीनी जनता के साथ एकजुटता का इजहार करते हुए मंगलवार को सभा आयोजित की गयी. वक्ताओं ने कहा कि दो राष्ट्र का सिद्धांत, जो फिलिस्तीन समस्या के समाधान का आधार था, आज दम तोड़ रहा है. महात्मा गांधी ने भी कहा था कि फिलिस्तीन अरबों का है, वहां सबको साथ रहना चाहिए. अरब, यहूदी, ईसाई जैसे भारत में सब रहते हैं. इसके विपरीत, आज जियोनिस्ट ताकतें फिलिस्तीन के बच्चों पर गोलियां बरसाकर उन्हें ही भविष्य का आतंकवादी घोषित कर रही हैं. वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीन का संघर्ष इस्लाम या मुसलमानों का कोई धार्मिक युद्ध नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन है. ठीक वैसे ही जैसे भारत ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी थी.
अमेरिकी साम्राज्यवाद अरब देशों पर वर्चस्व स्थापित करने की रच रहा साजिशें
कहा कि देश के कोने-कोने में आज फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिवस मनाया जा रहा है, परंतु भारत के प्रधानमंत्री मौन हैं. अमेरिकी साम्राज्यवाद लगातार इजरायल के माध्यम से अरब देशों पर वर्चस्व स्थापित करने की साजिशें रच रहा है. भारत के वाम दलों की स्पष्ट मांग है कि इजरायल के हमले तत्काल बंद कराये जाएं और फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी जाएं. फिलिस्तीन के मुक्ति संग्राम के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त करती है और भारत सरकार से मांग करती है कि वह इजरायल के साथ सैन्य सहयोग तत्काल समाप्त करे.
इन्होंने किया संबोधित
सभा को सीपीएम के राज कुमार गोरांई, कुमार सत्येंद्र, आरकेपी वर्मा, केएन सिंह, सीपीआई के स्वयंवर पासवान, अब्दुल्ला, भाकपा माले के देवदीप सिंह दिवाकर, भुनेश्वर केवट, जेएन सिंह, एसयूसीआइ के आरएस शर्मा ने संबोधित किया. अध्यक्षता मोहन चौधरी ने की.
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