विप्लव सिंह, जैनामोड़, जिले में महीने भर से लगातार हो रही बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बारिश सबसे अधिक गरीबों पर मुसीबत बनकर कहर ढाह रही है. जिस गरीब के घर मिट्टी के हैं, उनकी हर रात खौफ के साये में कट रही है. जहां दिन-रात जागते हुए जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है.
जरीडीह प्रखंड मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गितिलटांड़ गांव. महीने भर से लगातार हो रही बारिश की वजह से मिट्टी के कई घर गिर गये हैं और कई की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. यहीं की अकली देवी अपने पति दिलेश्वर मुर्मू व बच्चों समेत मिट्टी के टूटे घर में रहने को विवश हैं. उन्हें अब घर गिरने का डर सता रहा है.ना प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला, ना ही अबुआ आवास योजना का
अकली देवी ने कहा कि कि बदहाल स्थिति होने के बाद भी ना प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला, ना ही अबुआ आवास योजना का. आवास के लिए हर बार सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में आवेदन दिया. प्रखंड कार्यालय सहित मुखिया को आवेदन देकर आवास की हालत से अवगत करा चुकी हैं, पर ना, तो पदाधिकारी सुन रहे हैं ना ही जनप्रतिनिधि.डर तो बहुत लगता है, क्या करें, कहां जायें
अकली ने कहा कि बरसात में अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पानी में भींग-भींग कर रात-दिन काट रही हैं. भींगने से बच्चों की तबीयत खराब हो जाती है. परिवार में पति व तीन छोटे बच्चे हैं. पति मजदूरी करते है, तो दो वक्त की रोटी मिलती है ओर उसी से बच्चों का भी भरण-पोषण होता है. बारिश से घर का एक हिस्सा धंस गया है. खूंटा लगाना पड़ा है. उसी हाल में रहना पड़ रहा है. डर लगता है, लेकिन क्या करें, कहां जायें.प्रशासन के लोग आये थे, आश्वासन देकर चले गये
सरकारी आवास के लिए आवेदन भी दिया है. प्रशासन के लोग भी आये थे. कहा हो जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. बारिश शुरू होते ही जमीन के नीचे से घर में पानी भरने लगता है. पानी फेंकते-फेंकते परेशान हैं. घर कभी भी गिर जाएगा. बारिश में बैठकर वक्त काटना पड़ता है. रात में बारिश होने पर रातभर जग कर रहना पड़ता हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है