बोकारो, लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम से आमजनता परेशानी में है. अपराधी सरकारी योजना का लाभ दिलाने, बिजली कटने, लॉटरी निकलने समेत अन्य लोभ देकर लोगों को चंगुल में फंसाते और उनका अकाउंट खाली कर देते हैं. ऐसा घटना जिले में लगातार हो रही है. इससे लोगों को बचाने के लिए प्रभात खबर ने साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया है. बुधवार को जन आंदोलन बोकारो के सेक्टर तीन स्थित बोकारो पब्लिक स्कूल पहुंचा. यहां मुख्य अतिथि मुख्यालय डीएसपी बोकारो अनिमेष कुमार गुप्ता ने साइबर अपराध से बचने के लिए विद्यार्थियों को कई टिप्स दिये. साथ ही उन्हें दूसरों को भी जागरूक करने को कहा. कहा कि सोशल साइट पर सोच समझकर दोस्त बनाना चाहिए, निजी बातों को किसी भी हाल में शेयर नहीं करना चाहिए.
स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यालय डीएसपी, विशिष्ट अतिथि साइबर थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर अशोक कुमार, साइबर सेल से जुड़े सब इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार, सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार कुशवाहा, मेजबान स्कूल की प्राचार्य डॉ सुधा शेखर ने संयुक्त रूप से किया. मुख्यालय डीएसपी श्री गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में यूपीआइ का ज्यादा उपयोग होने लगा है. किराना दुकान से लेकर मॉल तक में यूपीआइ से पेमेंट किया जा रहा है. ऐसे में साइबर अपराधी टारगेट करके ऐप में घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं. साइबर अपराधी यूपीआइ रिफंड का लालच देकर फ्रॉड करने की फिराक में रहते हैं. रिफंड के दौरान वेरिफाई कर लें. इसके बाद ही कोई पेमेंट करना चाहिए.ओटीपी के माध्यम से होता है सबसे अधिक फ्रॉड
डीएसपी ने कहा कि ओटीपी स्कैम साइबर ठेके का सबसे बड़ा माध्यम है. सबसे ज्यादा फ्रॉड ओटीपी के माध्यम से किया जाता है. एक फेंक मैसेज के तहत अपराधी फ्रॉड ओटीपी या पिन डिटेल लेने की कोशिश करते हैं. डिटेल के साथ आपके खाते से पैसे काट लेते हैं. ओटीपी और पिन को संभालकर रखना चाहिए. किसी से डिटेल शेयर नहीं करनी चाहिए. फेंक डिलीवरी स्कैम से बचे. साइबर अपराधी इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से सामानों पर बंपर ऑफर पेश करते हैं. ऑफर पर लोगों से ओटीपी आदि के माध्यम से जानकारी जुटाते हैं. इसकी मदद से अकाउंट में घुसपैठ करते हैं. केवल रजिस्टर्ड जगहों से सामानों की लेनदेन करनी चाहिए. कोशिश करें कि कैश ऑन डिलीवरी करें.मैसेज की सत्यता की जांच करे, फिर कोई प्रतिक्रिया दें
डीएसपी श्री गुप्ता ने कहा कि बिजली बिल ऑनलाइन भुगतान करते हैं, तो आपको नये तरीके के बारे में जानना चाहिए, जिसका उपयोग जालसाज लोगों को धोखा देने के लिए कर रहे हैं. कई यूजर्स को व्हाट्सएप पर गलत नंबरों से संदेश प्राप्त हो रहे हैं. कहा जाता है कि यदि तुरंत एक निश्चित नंबर पर कॉल नहीं करते हैं, तो बिजली कनेक्शन जल्द ही काट दिया जाएगा. मैसेज की सत्यता की जांच करे, फिर कोई रिस्पॉन्स दें.क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
साइबर थाना के इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने कहा कि यदि कोई भी कॉल कानूनी दाव पेंच से जुड़ी आती है, तो सतर्क हो जाए. किसी भी न्यायालय व अन्य जगह के कानूनी मामले होने पर निश्चित रूप से स्थानीय थाना से आपको सूचना मिलेगी. यदि आपसे सीधे कोई दूसरे प्रदेश या जिला में केस मुकदमा होने की बात कहता है. निपटारे के लिए आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज शेयर करने को कहता है, तो सावधान हो जाए. ध्यान रखें कि कोई भी अनजान कॉल को अधिक देर तक एंटरटेन नहीं करें. रोजाना साइबर क्राइम करने के तरीके बदले जा रहा है. डिजिटल वॉयस टेक्नोलॉजी से नये ठगने के तरीके इस्तेमाल हो रहे है. साइबर अपराधी आपकी आवाज को डिजिटल तकनीक से एकत्रित कर आपके परिचितों से पैसा भी मांग सकता है. सावधान रहने की जरूरत है. नजदीकी थाने को इसकी सूचना जरूर दें. साइबर थाना के सब इंस्पेक्टर सह साइबर एक्सपर्ट रवींद्र कुमार ने कहा कि आप रोजाना साइबर अपराधियों के नजर में है. किसी न किसी बहाने आप रोजाना दो-चार अनचाहे कॉल को अटेंड कर रहे है. ऐसी स्थिति में ध्यान रखें कि अनजाने कॉल को अधिक देर तक एंटरटेन नहीं करें. अन्यथा बात करने के दौरान ही आप साइबर ठगी के शिकार हो जायेंगे. अब पिन नंबर नहीं मांगा जा रहा है. साइबर अपराधियों द्वारा कॉल लगाने के बाद आपसे देर तक बात करने की कोशिश की जाती है. इस दौरान दूसरा साइबर अपराधी आपके खाते से पैसा गायब कर देगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है