कसमार, कसमार प्रखंड अंतर्गत चौड़ा के निकट कैराझरना से हिसीम होते हुए केदला पहाड़ तक निर्माणाधीन सड़क का कार्य आधी रात को कराये जाने का मामला उजागर होने के बाद सोमवार को विभागीय सहायक अभियंता निहार रंजन एवं कनीय अभियंता समीर कुमार दास ने पहुंचकर मामले की जांच की. इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया था. अधिकारियों ने बताया कि अभियंताओं को बिना सूचना दिए संवेदक द्वारा अपनी मर्जी से देर रात को काम कराया जा रहा था. जांच के क्रम में यह देखने को मिला कि सड़क निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया. चिपिंग जितनी होनी चाहिए, उतनी नहीं थी. अधिकारियों ने बताया कि सभी खराब कार्यों को सुधारने का निर्देश दिया गया है. इस दौरान निम्न स्तर पर बनायी गयी सड़क को तत्काल उखाड़वाया गया और संवेदक को यह सख्त हिदायत दी गयी है कि गुणवत्ता के साथ सड़क का निर्माण कार्य करें. बरसात तक निर्माण कार्य नहीं करने का निर्देश भी दिया है. बरसात के बाद सड़क का निर्माण कार्य होगा और उसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाएगा. अगर गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होता है तो संयोजक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जर्जर हो गयी पुलिया को भी ठीक करने का निर्देश दिया गया है.
क्या है मामला
कसमार प्रखंड के चौड़ा के निकट कैराझरना से हिसीम होते हुए केदला पहाड़ तक सड़क बन रही है. पिछले करीब छह महीने से सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. इस बीच शनिवार की आधी रात को संवेदक पांच हाइवा मैटेरियल के साथ दर्जनों मजदूरों को लगाकर जैसे-तैसे सड़क निर्माण कार्य कर रहे थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद हिसीम, केदला, चौड़ा समेत आसपास के गांव के लोग बड़ी संख्या में जुटे तथा देर रात को जैसे तैसे काम करने का विरोध करते हुए काम को रोक दिया था. मालूम हो कि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी है और जंगल में हिंसक जंगली जानवर के हमले का खतरा भी बना रहता है. निर्माण निर्माण कार्य जंगल के भीतर होने के कारण जंगली जानवर के हमले का खतरा भी बना हुआ था. संवेदक मजदूरों की जान को जोखिम में डालकर आधी रात को कम कर रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है