बोकारो, रांची उच्च न्यायालय में शुक्रवार को बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) की ट्रेड चेंज पॉलिसी के खिलाफ बोकारो व्यावसायिक प्लॉट होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दायर रिट पर सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी के सिंगल बेंच में WP (C)2093/25 की सुनवाई करते हुए बीएसएल प्रबंधन को चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश निर्गत करते हुए प्लॉटधारी की पानी-बिजली काटने पर रोक लगा दी. प्लॉटधारी की ओर से अधिवक्ता राहुल लामा ने पक्ष रखा. ये जानकारी बोकारो व्यवसायिक प्लॉट होल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा ने दी. इस पर प्रतिवादी-कंपनी के वकील ने बताया कि उन्हें कंपनी से निर्देश मिला है कि इस रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं होगा. इसके बाद कोर्ट ने प्रतिवादी को जवाब दायर करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया.
प्लॉट होल्डर्स से न्यायालय चलो अभियान में हिस्सा लेने का आह्वान
श्री विश्वकर्मा ने सभी प्लॉट धारियों से एकजुट रहकर बीएसएल के ट्रेड चेंज के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये की मांग का विरोध करने का आह्वान किया. श्री विश्वकर्मा ने सभी प्लॉट होल्डर्स से न्यायालय चलो अभियान में हिस्सा लेने का आह्वान किया. बता दें कि बोकारो में 1100 से अधिक प्लॉट होल्डर्स हैं.क्या है पॉलिसी
ट्रेड चेंज पॉलिसी का मतलब है व्यापार में बदलाव करने की नीति. यह सेल/बीएसएल की ओर से टाउनशिप में व्यवसाय करने वाले दुकानदारों एवं व्यावसायिक केंद्रों के लिए बनायी गयी है. इस नीति के तहत इन व्यापारियों को अपना व्यवसाय चलाने के लिए शुल्क देकर ट्रेड चेंज कराना होगा. बता दें कि प्रबंधन की ओर से प्लॉटधारियों को व्यावसायिक प्लॉट व लाइसेंस दुकान आवंटित की गयी थी. अनुमति दी गयी थी कि जिस काम के लिए प्लाॅट दिया गया है, वहीं करें, पर कई प्लॉटधारियों ने अलग व्यापार शुरू कर दिया है. अब वे आवेदन देकर व्यापार परिवर्तन करा सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है