चंदनकियारी, प्लस टू उच्च विद्यालय चंदनकियारी में आयोजित सात दिवसीय संस्कृत भाषा शिविर का शनिवार को समापन हुआ. शिविर का उद्देश्य विद्यार्थियों में संस्कृत भाषा के प्रति रुचि जागृत करना, नैतिक मूल्यों का संप्रेषण करना और संस्कृत के व्यावहारिक प्रयोग को बढ़ावा देना था. समापन समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रशांत कुमार चंद्र ने की. प्रधानाचार्य प्रशांत कुमार चंद्र ने बताया कि संस्कृत भाषा शिविर न केवल संस्कृत भाषा शिक्षण का माध्यम है बल्कि यह हमारी संस्कृति से जुड़ने का एक सुंदर माध्यम भी है.
सात दिनों तक हुई विभिन्न गतिविधियां
संस्कृत शिक्षिका व शिविर की आयोजिका डॉ आशा रानी ने सात दिनों की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि शिविर के दौरान बच्चों ने संस्कृत वार्तालाप, श्लोक वाचन, प्रश्नोत्तरी, नाट्यमंचन, गीतगायन और चित्रकला जैसी विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया. उन्होंने संस्कृत की महत्ता और इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और कहा कि शिविर का उद्देश्य केवल भाषा ज्ञान कराना नहीं था बल्कि इसके माध्यम से विद्यार्थियों में संस्कार एवं नैतिक मूल्यों का संवर्धन करना भी था. विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सस्वर श्लोकवाचन, गीत आदि ने सभी का मन मोह लिया.
शिविर के अनुभवों को किया साझा
विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा में अपना परिचय देते हुए शिविर के अनुभवों को भी साझा किया. विद्यालय के अंग्रेजी शिक्षक राजीव रंजन ने संस्कृत को जीवन की मूल्यनिष्ठ भाषा बताया और विद्यार्थियों को इसे दैनिक जीवन में प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया. भूगोल शिक्षक भक्त रंजन ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी भाषाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.
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