बोकारो, हमारे देश में किस्सागोई का पुराना और समृद्ध इतिहास रहा है. बचपन में हम सभी ने अपनी दादी-नानी से कहानियां सुनी हैं. दरअसल, कहानियां बच्चों के मानस पटल पर प्रभावशाली छाप छोड़ती है. यही कारण है कि सीबीएसइ ने अध्यापन में स्टोरी टेलिंग (किस्सागोई) को काफी महत्वपूर्ण माना है. यह बातें गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल सेक्टर पांच के प्राचार्य सोमेन चक्रवर्ती ने कही. वह शनिवार को सेक्टर चार स्थित डीपीएस बोकारो में सीबीएसइ के पटना उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की ओर से अध्यापन के रूप में किस्सागोई विषय पर आयोजित शिक्षकों की क्षमता-निर्माण कार्यशाला को वह बतौर रिसोर्स पर्सन संबोधित कर रहे थे.
स्टोरी-टेलिंग बेहतर अध्यापन का सशक्त माध्यम : डॉ. गंगवार
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि क्लासरूम के भीतर जब एक शिक्षक विद्यार्थियों को कहानियों के माध्यम से पाठ्य-वस्तु को समझाता है, तो वह लंबे समय तक के लिए बच्चों को याद रह जाता है. वस्तुतः, कहानियां विद्यार्थियों की पढ़ाई को अत्यंत रोचक और प्रभावशाली बनाने में काफी कारगर हैं. रिसोर्स पर्सन चिन्मय विद्यालय के शैक्षणिक पर्यवेक्षक व विभिन्न विभागों के प्रभारी राहुल रॉय ने भी अध्यापन-शैली में निखार लाने के लिए किस्सागोई को जरिया बनाने पर बल दिया. विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने कार्यशाला के विषय को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया. कार्यशाला में विद्यालय के 65 शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे.
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